पंचायतों में भ्रष्टाचार पर तपा सदन
अब प्रधान से लेकर पंचायत सचिव और जेई भी आएंगे जांच के दायरे में
शिमला— गुरुवार को सदन में अपनी बात रखते मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर
शिमला – पंचायतीराज संस्थाओं में हो रहे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गुरुवार को सदन खूब तपा। अब तक हुए भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए प्रदेश सरकार तैयार हो गई है। पंचायतीराज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सदन को अवगत करवाया कि भ्रष्टाचार और धन के दुरूपयोग की जांच 15 दिन में होगी। चिंतपूर्णी से भाजपा विधायक बलबीर सिंह गुरुवार को पंचायतोें में हो रहे विकास कार्यों के लिए धन का सदुपयोग और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए सदन में संकल्प प्रस्ताव लेकर आए, जिस पर सत्तापक्ष और विपक्ष के 20 सदस्यों ने भाग लिया। पंचायतीराज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि जांच में सिर्फ पंचयात प्रधान ही नहीं, बल्कि संबंधित सचिव से लेकर जेई की जिम्मेदारी तय होगी। मंत्री ने कहा कि पंचायत प्रधान से लेकर जेई तक जांच के दायरे में आएंगे। पंचायतीराज संस्थाओं में प्रदेश सरकार तकनीकी विंग को सशक्त करेगी और छह पंचायतों पर एक जेई बैठेगा। इसके साथ-साथ जिस दिन पंचायतों को पैसे मिलेंगे, उसके एक महीने के भीतर काम शुरू होगा। मंत्री ने कहा कि क्वालिटी कंट्रोल के लिए अब पंचायतीराज विभाग पीडब्ल्यूडी और आईपीएच का मैनुअल फॉलो करेगा। उन्होंने कहा कि 14वें वित्तायोग के पैसे से पंचायतों में कई लाइट लगा दी गई हैं, लेकिन स्वीकृत बजट के 10 प्रतिशत से अधिक पैसे लाइट पर खर्च नहीं कर सकेंगे। मंत्री ने कहा कि इसके लिए अब प्रदेश सरकार ने पंचायतीराज विभाग और हिम ऊर्जा के साथ एमओयू हस्ताक्षर किए हैं। इसके साथ-साथ पंचायतों में सड़क निर्माण सहित अन्य विकास कार्यों में घटिया सामग्री का प्रयोग किया होगा, तो उसकी रिकवरी होगी। मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार आने वाले समय में पंचायतीराज एक्ट 1994 में संशोधन करने पर विचार करेगी।
सत्तापक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने लगाए गंभीर आरोप
भाजपा विधायक बलबीर सिंह ने आरोप लगाया कि पंचायतों में भग्रष्टाचार होते हैं, तो गाज प्रधान पर गिरती है, जो सही नहीं है। इसके लिए सचिव से लेकर जेई भी जांच के दायरे में आने चाहिए। भाजपा विधायक रमेश धवाला ने आरोप लगाया कि प्रदेश में मॉनिटरिंग सिस्टम ठीक नहीं है। कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश की पंचायतों में महिला प्रतिनिधि और दलित प्रतिनिधि पंचायत सचिवों और जेई से काम नहीं लेती हैं और न ही इनका कंट्रोल है। भाजपा विधायक विक्रम जरयाल, कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर, भाजपा विधायक सुखराम चौधरी, कमलेश कुमारी, कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी, भाजपा विधायक किशोरी लाल, कांग्रेस विधायक इंद्रदत्त लखनपाल सहित 20 विधायकों ने चर्चा में भाग लिया।
ब्लॉक में बैठेगा एसडीओ
मंत्री ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में प्रदेश सरकार तीन सौ पंचायत सचिवों की नियुक्ति करेगी। अब ब्लॉक में एसडीओ बैठेगा और हर दो जिलों पर एक जेई भी बैठेगा। विकास कार्य की रफ्तार बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार जीरो टॉलरेंस नीति अपना रही है।
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