पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने सरकार को दिया पाक कानून लागू करने का आदेश!
बठिंडा – किसानों के हितों की बात कहते हुए पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को प्राइवेट मनी लेंडिंग ऐक्ट 2007 के प्रावधानों को लागू करने का आदेश जारी किया। आदेश जारी करते वक्त कोर्ट इस तथ्य से बिल्कुल बेखबर था कि यह कानून पाकिस्तान में ही मान्य है न कि भारत में। मामला 29 जुलाई का है। दरअसल, 29 जुलाई को याचिकाओं के एक समूह का निपटारा करते हुए हाई कोर्ट ने पंजाब में किसानों की शिकायतों के निवारण के लिए सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए प्राइवेट मनी लेंडिंग ऐक्ट 2007 को लागू करने का आदेश दे दिया। जबकि यह कानून पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ही लागू है। यहां तक कि ऐक्ट में लिखे गए संघीय और प्रांतीय सरकार जैसे शब्द भी भारत में सरकार के प्रारूपों के लिए इस्तेमाल नहीं होते हैं। इस मसले पर जब पंजाब के ऐडवोकेट-जनरल अतुल नंदा से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है लेकिन मैं संबंधित बेंच से इसे देखने के लिए कहूंगा।’ दिलचस्प यह है कि इसी पाकिस्तानी कानून का 2014 में भी एक कोर्ट ने अपने आदेश में जिक्र किया था। 18 नवंबर 2014 को दिल्ली की साकेत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने वचन पत्र के आधार पर धन की वसूली के एक मुद्दे (प्रेम लाल बनाम नरेश कुमार नरूला केस) से संबंधित अपने फैसले में सुनाया था। 22 मार्च 2016 में भारत के पंजाब राज्य में कृषि क्षतिपूर्ति विधेयक, 2016 पास हुआ था जिसमें किसानों, खेतिहर मजदूरों और खेती से संबंधित अन्य लोगों को कर्ज से जुडे़ मामले का उचित निपटान के प्रावधान हैं। इसमें 28 सिंतबर 2018 को संशोधन कर दोबारा लागू किया गया था।
सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं इस कानून के पक्ष में : हालांकि सामाजिक कार्यकर्ता और किसानों के हितैषियों का मानना है कि मनी लेंडिंग बिजनस रेग्युलेटिंग से जुड़ा यह पाकिस्तानी कानून भारत के पंजाब में भी लागू होना चाहिए क्योंकि यहां छोटे और सीमांत किसानों को अपनी अत्यधिक ब्याज दरों को चुकाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। ऐडवोकेट नरिंदर कुमार जीत ने कहा कि पाकिस्तान में इस ऐक्ट के तहत किए गए किसी भी अपराध के लिए कड़ी सजा है। मनी लेंडिंग को विनियमित करने के लिए भारत में भी ऐसा ही या फिर इससे भी कठोर कानून लागू होने की जरूरत है।
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