पांवटा में यमुना उफान पर

By: Aug 19th, 2019 12:21 am

जटोण व डाक पत्थर डैम से सभी गेट खोले जाने पर नदियों में बढ़ा जलस्तर

पांवटा साहिब –जिले के पहाड़ी इलाकों मे पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश से पांवटा साहिब की नदियां उफान पर हैं। पांवटा साहिब में जहां यमुना नदी का जल स्तर खतरे के निशान के करीब पंहुच गया हैं, वहीं जटोण व डाकपत्थर डैम से सभी गेट खोले जाने पर यमुना की सहायक नदियां गिरि और बाता नदी भी अपना रोद्र रूप दिखा रही है। हालांकि पांवटा साहिब में रविवार को कम बारिश हुई लेकिन ऊपरी इलाकों में भारी बारिश से नदियां उफान पर हैं। रेणुकाजी व संगडाह मे भारी वर्षा के कारण गिरि और बाता नदियों के बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं। पांवटा साहिब की यमुना नदी मे शनिवार 11 बजे तक जल स्तर 383.50 मीटर तक पहुंच गया जो खतरे के निशान से मात्र 0.10 मीटर कम है। यमुना नदी आर पार लग चुकी है। स्नान घाट की सारी सीढि़यां डूब चुकी हैं।  गिरि नदी भी उफान पर रही। लोगों का कहना हे कि यदि बारिश नहीं रुकी तो नदियां पांवटा साहिब सहित मैदानी इलाकों हरियाणा और दिल्ली आदि में तबाही मचा सकती है। उधर, प्रशासन ने लोगों को एडवाइजरी जारी करते हुए नदी-नालों से दूर रहने को कहा है। केंद्रीय जल आयोग के स्थानीय कार्यालय प्रभारी एसडी उनियाल ने बताया कि रविवार को प्रातः 11 बजे यमुना नदी का जलस्तर 383.50 मीटर दर्ज किया गया। उन्होने बताया कि यदि बारिश जारी रही तो पानी खतरे के निशान तक कभी भी पंहुच सकता है।

पांवटा-शिलाई एनएच किशनकोट में रहा बंद

उपमंडल में हो रही भारी बारिश के कारण रविवार दोपहर को पांवटा-शिलाई एनएच पर किशनकोट के पास अचानक ही दो बड़े-बड़े पेड़ एनएच पर गिर गय। ये पेड़ अपने साथ बिजली की तारें और खंभे भी तोड़ गए, जिस कारण आसपास के इलाकों के विद्युत आपूर्ति बंद रही। एनएच पर पेड़ गिरने से यातायात भी करीब तीन घंटे तक बंद रहा।

बांगरण पुल पर रोका गया ट्रैफिक

भारी बारिश के दौरान गिरि नदी अपने रौद्र रूप मंे है। नदी का भयानक रूप देखते हुए प्रशासन ने बांगरण पुल पर वाहनों की आवाजाही रोक दी है। जिस कारण लोगों को दिक्कतें भी हुई।

नेड़ा खड्ड में बहे मकान, कफोटा मे भू-स्खलन

जिला के ऊपरी इलाकों में करीब 24 घंटे से हो रही भारी बारिश से नदी नाले उफान पर है। गिरिपार के टिंबी मे नेड़ा खड्ड ने जहां सैकड़ों बीघा जमीन भू-स्खलन से लील ली हैं वही खड्ड के किनारे एक सरकारी भवन सहित करीब आधा दर्जन मकान खड्ड मे समा गए हैं। हालांकि किसी जानी नुकसान की फिलहाल कोई सूचना नही है। वहीं कफोटा मे बोकाला पंचायत के पूर्व प्रधान रतिराम शर्मा का मकान भू-स्खलन की भेंट चढ़ गया है।


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