पाइप जोड़ते लैंड स्लाइडिंग बाल-बाल बची लेबर

By: Aug 24th, 2019 12:19 am

छुमाण पहाड़ी दरकने से बाला सेर बरोहा स्कीम प्रभावित होने से आठ गांव प्यासे, सप्लाई बहाल करने में जुटा महकमा

बिलासपुर -बाला सेर बरोहा उठाऊ पेयजल स्कीम से जुडे़ आठ गांवों के लोग प्यासे हैं। गत शनिवार को छुमाण पहाड़ी के दरकने से आईपीएच की यह स्कीम प्रभावित हुई है, जिसे दुरुस्त करने में रोजाना आईपीएच विभाग की टीम को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गुरुवार शाम को भी मलबे में दबी पाइप लाइनों को निकालते समय पहाड़ी से फिर लैंडस्लाइडिंग हो गई। इस दौरान काम करे रही लेबर का बाल-बाल बचाव हुआ है। आईपीएच विभाग झंडूता के जेई संजीव चौहान ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि स्कीम के प्रभावित होने से क्यारी, डाहड देलवीं, चोरवाहें, जबलू संग सिकरी, खनसाई, बसंदवाड़ी, दलियां व घराण गांवों में पेयजल सप्लाई प्रभावित है। उन्होंने बताया कि अचानक काम करते समय पहाड़ी से हो रही लैंडस्लाइड काम को पूरा करने में काफी अड़चनें पैदा कर रही हैं। पहाड़ी के दरकने से कई पाइपें दब चुकी हैं व कई जगह पाइप लाइन में भारी लीकेज आई हुई है। इस स्कीम के प्रभावित होने से सात से आठ लाख रुपए का भारी नुकसान हुआ है। वहीं, पहाड़ी में नमी होने के कारण कई जगह जमीन धंसने से पाइपों को बाहर निकालने में परेशानी आ रही है। हालांकि इस काम को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए विभाग ने मौके पर ही टूटी पाइप लाइनों की बैलडिंग कर उन्हें ठीक करने को काम जारी कर रखा है। जेई ने बताया कि पाइप लाइनों को ठीक करने का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है व विभाग की कोशिश रहेगी कि जल्द से जल्द इस स्कीम को ठीक कर पानी की सप्लाई बहाल कर दी जाए। शुक्रवार को भी विभाग की लेबर दिनभर लाइन को ठीक करने में मुस्तैद रही। वहीं बीते छह दिनों से इन आठ गांवों को पानी की सप्लाई न मिल पाने से ग्रामीणों को प्राकृतिक जल स्रोतों का सहारा लेकर प्यास बुझानी पड़ रही है। पेयजल आपूर्ति ठप होने से ग्रामीणों में हाहाकार मच गया है। लोग सार्वजनिक स्थानों पर लगे हैंडपंपों पर दिन निकलते ही बाल्टी, डिब्बे व बरतन लेकर लाइन लगा लेते हैं और बारी आने का इंतजार करते हैं। इसके बाद जैसे-तैसे पीने के पानी का इंतजाम कर पाते हैं।


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