पूर्व सैनिक ने 45 साल बाद जीती हक की लड़ाई

By: Aug 12th, 2019 12:12 am

नगरोटा सूरियां -जवाली विधानसभा क्षेत्र के विकास खंड नगरोटा सूरियां के गांव कालदुआ  के पूर्व सैनिक गौरखु राम को अखिरकार लंबी कानूनी जंग लड़ने के बाद अपना हक मिल ही गया है। करीब 45 साल के बाद न्याय मिलने से उसके परिजन काफी राहत महसूस कर रहे हैं।   जवाली के वरिष्ठ अधिवक्ता एडवोकेट आरके मनकेाटिया ने बताया कि गौरखु राम 30 दिसंबर, 1965 को जम्मू-कश्मीर रायफल में भर्ती हुआ था। उसके बाद 17 अप्रैल, 1969 को तीन साल तीन महीने की नौकरी के दौरान उसे अंडर मेडिकल कैटेगरी  अपेंडिसाइटिस बीमारी की वजह से 20 प्रतिशत अस्थायी अपंगता  के तहत पेंशन देकर घर भेज दिया। उसके बाद 1971 में री सर्वे  मेडिकल बोर्ड द्वारा उसकी दिव्यांगता 20 प्रतिशत  कम हेाने के कारण उसकी पेंशन बद कर दी गई।  गोरखु राम ने संबंधित सेना अधिकारियों से संपर्क व पत्राचार किया, लेकिन उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की। थक हारकर उसने एक अपील भी डाली, लेकिन फिर भी विभाग टस से मस नहीं हुआ।  उसके बाद 2014 को गोरखू राम ने मजबूरन आर्म्ड फोर्स टिब्यूनल चंडीगढ़ में याचिका दायर की, जिस पर आर्म्ड फोर्स के टिब्यूनल बैंच के जस्टिस मोहम्मद ताहिर व प्रशासनिक सदस्य वाइस एडमिरल एजी थपलियाल ने वादी की दलीलें सही मानते हुए महत्त्वपूर्ण फैसले के तहत रक्षा सचिव भारत सरकार को पहली फरवरी, 1973 से सर्विस पेंशन बहाल करने व 25 जून, 2014 से दिव्यांगता पेंशन एरियर सहित ता उम्र पेंशन देने का फैसला सुनाया।

 


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