पेड़ों-भवनों से डेढ़ मीटर ही ऊंचे बनेंगे रोप-वे

नियमों में बड़ा बदलाव; कम खर्च पर तैयार होंगे रज्जु मार्ग, संशोधित बिल को कैबिनेट में भी मंजूरी

शिमला – हिमाचल प्रदेश में रोप-वे निर्माण में बड़ा बदलाव होगा। इसके तहत राज्य में गगनचुंबी रोप-वे परियोजनाओं की ऊंचाई कम हो जाएगी। नए प्रावधानों के तहत रज्जू मार्ग भवनों और पेड़ों से डेढ़ मीटर की ऊंचाई तक बन सकेंगे। पहले नियमों में स्ट्रक्चर तथा पेड़ों से दस मीटर की हाइट तक रोप-वे निर्माण का प्रावधान था। बहरहाल, संशोधित बिल को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इस आधार पर अगले सप्ताह आरंभ हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र में यह बिल पेश किया जाएगा। बिल पारित होने पर रज्जु निर्माण की कई पेचिदगियां दूर हो जाएंगी। मौजूदा समय में रज्जु मार्ग के निर्माण में सबसे बड़ी दिक्कत ऊंचाई वाले स्पैन में आ रही है। अभी तक नियमों में यह प्रावधान रखा गया है कि पेड़ों तथा भवनों के टॉप लेवल से दस मीटर तक रज्जू निर्माण की अनुमति नहीं होगी। इस कारण रोप-वे के निर्माण पर भारी-भरकम स्ट्रक्चर खड़ा करना पड़ता था। इससे हिमाचल में रोप-वे परियोजनाओं की फिजिबिलिटी इनके निर्माण में आड़े आ रही थी। स्ट्रक्चर भारी होने के कारण वित्तीय दिक्कतों के अलावा पर्यावरण को भी तगड़ा नुकसान हो रहा था। इसके चलते हिमाचल प्रदेश की कई महत्त्वाकांक्षी रोप-वे परियोजनाएं अधर में लटकी हैं। इस कारण परिवहन विभाग ने रोप-वे के निर्माण के लिए अलग से कारपोरेशन का गठन किया है। इसी कड़ी में परिवहन विभाग ने रोप-वे निर्माण के नियमों में बदलाव की सिफारिश की है। बहरहाल, मानसून सत्र में पेश हो रहे बिल के पारित होने पर छतों तथा पेड़ों के टॉप लेवल से डेढ़ से पांच मीटर की ऊंचाई तक रोप-वे निर्माण हो सकेगा। इससे रज्जू मार्गों के निर्माण की लागत आधे से भी कम रह जाएगी। इसके अलावा पर्यावरण को कम से कम नुकसान होगा। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कैबिनेट से अप्रूव हुए बिल में कई अहम बदलाव प्रस्तावित हैं। इनमें रोप-वे को ईको फ्रेंडली बनाया गया है।

परिवहन विभाग ने संभाली है कमान

हिमाचल में परिवहन विभाग ने रोप-वे निर्माण की कमान संभाली है। अभी तक प्रदेश में पर्यटन विभाग रज्जु मार्गों का निर्माण पर्यटन व्यवसाय को ध्यान में रखकर कर रहा था। हिमाचल में परिवहन विभाग ने रोप-वे निर्माण के लिए अलग से कारपोरेशन गठित कर इस व्यवस्था को ट्रांसपोर्ट से जोड़ा है। इसी कड़ी में संशोधित बिल विधानसभा के लिए भेजा जा रहा है।

नियमों में मांगी छूट

रोप-वे की जद में आने वाले भूखंड के लिए पर्यावरण की मंजूरी से छुटकारा दिलाने का भी प्रस्ताव है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को राज्य सरकार ने इस बारे जोरदार पैरवी करते हुए नियमों में छूट की मांग की है। रोप-वे के लिए जमीन पर खड़े होने वाले स्ट्रक्चर के लिए ही संबंधित भूमि के लिए मंजूरी का प्रावधान किया जाए। मौजूदा नियमों के तहत रोप-वे की तारों के नीचे की जमीन की भी पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति लेना जरूरी है। राज्य सरकार ने केंद्र से यह शर्त हटाने की मांग की है।