प्रदेश के डेढ़ लाख छात्रों की स्कॉलरशिप अटकी

By: Aug 12th, 2019 12:40 am

शिमला – प्रदेश में एससी-एसटी, ओबीसी स्कॉलरशिप के पात्र छात्रों के लिए अच्छी खबर नहीं है। केंद्र सरकार ने प्रदेश के इन तीन स्कीमों के तहत डेढ़ लाख छात्रों की स्कॉलरशिप रोक दी है। इसका कारण यह है कि अब केंद्र सरकार ने ओबीसी, एससी और एसटी छात्रों की स्कॉलरशिप के लिए प्रदेश सरकार को 25 प्रतिशत तक का खर्च उठाने को कहा है। केंद्र सरकार के इन निर्देशों के बाद शिक्षा विभाग असमंजस की स्थिति में है। शिक्षा विभाग स्कॉलरशिप के लिए आवेदन तो मांग रहे हैं, लेकिन वजीफे की यह राशि तभी जारी होगी, जब इस पर केंद्र सरकार लिखित में नई गाइडलाइन भेजेगी। हालांकि बजट की कमी से पहले से ही जूझ रही प्रदेश सरकार भी केंद्र के इस फैसले को संशोधन करने की मांग उठाएगी। बता दें कि केंद्र सरकार ओबीसी, एसटी, एससी के तहत मिलने वाली मैट्रिक व पोस्ट मैट्रिक के अलावा प्री-मैट्रिक मैट्रिक के वजीफे का भी पूरा खर्च करती है। हैरानी है कि पहले छात्रवृत्ति घोटाले के बाद छात्रों को स्कॉलरशिप समय पर नहीं मिल पाई, वहीं अब केंद्र की नई गाइडलाइन से छात्रों व शिक्षा विभाग की दिक्कतें बढ़़ गई हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 – 2019 के लिए डेढ़ लाख छात्रों ने केंद्र के एनपीएस पोर्टल पर आवेदन कर दिया है। वहीं, शिक्षा विभाग ने छात्रों के इन आवेदनों की वेरिफिकेशन भी कर दी है। बावजूद इसके अभी तक पिछले साल का भी वजीफा न मिलने से छात्र परेशान हो चुके हैं। गौर हो कि हजारों ऐसे भी छात्र हैं, जो स्कॉलरशिप को देखते हुए निजी शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे हैं। उनका का कहना है कि समय पर फीस न भरे जाने पर उनके रिजल्ट पर भी असर पड़ सकता है।

रुकेंगी छात्रों की डिग्रियां

निजी शिक्षण संस्थानों ने छात्रों को साफ कर दिया है कि जब तक पात्र छात्रों की स्कॉलरशिप नहीं आ जाती है, तब तक उन्हें डिग्री भी नहीं दी जाएगी।

2019-2020 के लिए भी मांगे आवेदन

शिक्षा विभाग ने केंद्र की इन तीनों स्कीम के तहत इस वर्ष के लिए भी छात्रों से आवेदन मांग लिए है। छात्र केंद्र सरकार के एनपीएस पोर्टल पर आवेदन कर सकते है। बताया जा रहा है कि 31 अक्तूबर तक छात्र पोर्टल पर आवेदन कर सकते है, उसके बाद एक माह तक वेरिफिकेशन की जाएंगी।


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