प्रदेश के 300 शिक्षक अब बनेंगे मास्टर ट्रेनर

By: Aug 7th, 2019 12:30 am

शिमला – केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के आदेशों के बाद एसएसए ने 300 शिक्षकों का खाका तैयार कर दिया है। अब शिक्षकों को ट्रेनिंग देने के लिए यही मास्टर ट्रेनर कार्य करेंगे। समग्र शिक्षा के तहत प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों से खास शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर का दर्जा इन शिक्षकों को दिया गया है। हिमाचल से अब ये शिक्षक  टे्रनिंग के लिए दिल्ली जाएंगे। दिल्ली में एनसीईआरटी के तहत मास्टर ट्रेनर्ज को ट्रेंड किया जाएगा। पहली बार ही हिमाचल में पहली कक्षा से लेकर जमा दो तक एनसीईआरटी की किताबें लगाई गई हैं। यही वजह है कि एनसीआरटी के सिलेबस को कैसे पढ़ाया जाना है, इसके लिए मास्टर ट्रेनर एसएसए तैयार कर रहा है। भारत सरकार ने साफ किया था कि  प्रदेश में शिक्षकों को दी जाने वाली ट्रेनिंग में सुधार की आवश्यकता है। केंद्र सरकार ने ही एसएसए को मास्टर ट्रेनर्ज की सूची तैयार करने के निर्देश दिए थे। प्रदेश के ये मास्टर ट्रेनर जहां छह महीने में शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे, वहीं डीएलएड शिक्षकों को भी यही टे्रनर पढ़ाएंगे। उल्लेखनीय है कि इससे पहले प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को अलग-अलग तरह की ट्रेनिंग दी जाती थी। वहीं, ट्रेनिंग देने वाले शिक्षक भी हर बार बदलते रहते थे। अब टीचर एजुकेशन की गाइडलाइन को बदलते हुए केंद्र सरकार ने हमेशा के लिए मास्टर ट्रेनर्ज का एक ही ग्रुप बनाने का फैसला लिया है। गौर हो कि हिमाचल के सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों की हर माह होने वाली ट्रेनिंग में भी कई शिक्षक नहीं आ पाते हैं, लेकिन अब केंद्र के निर्देशों में साफ कहा गया है कि हर छह महीने में होने वाली ट्रेनिंग में शिक्षकों को आना पड़ेगा। वहीं, जो इस ट्रेनिंग में नहीं आएंगे, उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि टीचर ट्रेनिंग में न आने वाले शिक्षकों की इन्क्रीमेंट पर भी इसका असर पड़ेगा।

एनसीईआरटी की किताबें बहुत टफ

बताया जा रहा है कि कई सरकारी स्कूलों में छात्रों को एनसीईआरटी का सिलेबस टफ लग रहा है। इस सिलेबस में शामिल गणित, अंग्रेजी व साइंस में कई छात्रों को दिक्कतें पेश आ रही हैं।


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