फिर पैमाइश करने आई ब्यास

By: Aug 19th, 2019 12:15 am

मंडी –सितंबर, 1995 के 24 साल बाद 18 अगस्त, 2019 को फिर ब्यास नदी अपने इलाके की पैमाइश करने पहुंची। मानो नदी अपने पुराने किनारे तलाश रही थी, जो करीब अढ़ाई दशक से नहीं ढूंढे थे। इन 24 सालों में ब्यास किनारे अधिकतर इलाकों मंे इनसानी दखल बढ़ चुका था, लेकिन ब्यास जब अपने इलाके की पैमाइश के लिए निकली तो कई लोगों को अस्थायी रूप से अपने इलाके से बेदखल कर दिया। ब्यास के किनारे सब कुछ जलमग्न हो गया था, जैसे प्रकृति कह रही थी कि यह जगह मेरी है, यहां स्थायी अधिकार मेरा है तुम अस्थायी हो। मेरा जब मन होगा मैं अपने इलाके की पैमाइश के लिए आ जाऊंगी और इसमें न तो किसी की दलील होगी और न कोई राहत की गुंजाइश। पंचवक्त्र मंदिर के जलमग्न होने के बाद कई सवाल थे, जो पिछले  साल की तरह इस बार भी उभर कर आए। मसलन मंदिर के पास जहां पहले झुग्गियां होती थीं, वहां पार्क बनाने की योजना। ब्यास ने फिर बता दिया कि इलाका मेरा है और यहां पार्क बनाने का नतीजा क्या हो सकता है। ब्यास के साथ-साथ सुकेती नदी भी अपना पुराना इलाका ढूंढने लगी, तो शिवा बावड़ी के साथ लगती पार्किंग में गाडि़यां गोते लगाती नजर आईं। पंडोह से लेकर मंडी शहर तक ब्यास किनारे बसे घरों को कहीं पानी छूता हुआ निकला तो कहीं घरों तक पहुंच गया। पंडोह में आक्रोशित जनता ने बीबीएमबी प्रशासन कोे फ्लशिंग के लिए कोसा। पंडोह में भी लोगों के घरों तक ब्यास आ धमकी। लाखों का नुकसान हुआ। हालांकि गलती किसकी है इस पर समय रहते विचार करने की जरूरत है, क्योंकि यह तो तय है कि किसी दिन फिर ब्यास अपने इलाके की पैमाइश करने पहुंचेगी और हो सकता है कि उस समय किसी को अस्थायी नोटिस देने की जगह ताउम्र के लिए बेदखल कर दे। हालांकि इस बार की पैमाइश में ब्यास ने सिर्फ आर्थिक हर्जाने का नोटिस देकर लोगों को छोड़ दिया, लेकिन अगली बार क्या होगा यह तो भविष्य के गर्भ में ही छिपा है।


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