बस आपरेटरों पर कार्रवाई करने में नाकाम विभाग

कुल्लू –सरकार का तंत्र देखें किस कछुआ गति से कार्रवाई करता है। इसका ताजा उदाहरण है जिला कुल्लू में दो महीने पहले निजी बस आपरेटरों को दिए गए निर्देशों को न मानने  वाले आप्रेटरों पर परिवहन विभाग कुछ भी कार्रवाई नहीं कर पाया है। शायद ऐसा लग रहा है कि परिवहन विभाग बंजार के सबसे बडे़ बस हादसे को भूल गया है और निजी बस आपरेटरों को मात्र नोटिस थमाकर औपचारिकताओं तक सीमित रहा है। हैरानी की बात यह है कि सरकार भी  अब तक कोई संज्ञान नहीं ले रही है। प्रदेश सरकार ने निजी बस संचालकों के लिए और कडे़ आदेश जारी किए थे कि सभी निजी बस संचालकों को बसों के अंदर और बाहर बस चालकों के फोटो पूरी डिटेल के साथ लगाने होंगे,  जिस चालक का फोटो बस में लगा होगा, वह चालक ही बस चला सकेगा।  इसके साथ ही बसों में आरटीओ कार्यालय के दूरभाष नंबर के साथ ही आरटीओ का मबाइल नंबर भी लिखा लिया जाना था। बंजार बस हादसे को 62 दिन बीत गए हैं, लेकिन किसी भी निजी बसों में इन आदशों का पालन नहीं हुआ है। यही नहीं, जिला कुल्लू में लोगों को बेहतर यातायात सुविधा देने को लेकर सरकार और विभाग कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि निजी बस आपरेटरों को बस रूट तो दिए है, लेकिन उन्हें ठीक से रेगूलेट करना भी भूल गए हैं।  कुल्लू जिला में आनी को छोड़कर 179 निजी  निजी बसों के रूट परमिट जारी किए गए हैं। जिन्हें विभाग की ओर से अलग-लग रूटों पर बसें चलाने के परमिट दिए गए हैं, लेकिन इनमें 14 ऐसे रूट हैं, जिन पर बसें नहीं  चल रही हैं। मनमाने तरीके से अन्य दूसरे रूटों पर बसें चलाई जा रही हैं। बाकायदा परिवहन  विभाग कुल्लू ने बस आपरेटरों को नोटिस बंजार हादसे के बाद थमा दिए थे, लेकिन नोटिस के निर्देशों का न आप्रेटरों ने माना और विभाग ने भी कार्रवाई को गंभीरता से नहीं लिया है। विभाग ने अब तक बस आपरेटरों पर कोई कार्रवाई नहीं की है।   बता दें कि निजी बसों को दिए गए रूटों में कालंग-कुल्लू, गड़सा-भुंतर-सैंज, बरशैणी-कुल्लू, मनाली-संधोल वायाल मंडी धर्मपुर, कुल्लू-भुंतर, बरशैणी झूणी वाया भुंतर, ज्वालापुर-पनारसा, बिजली महादेव-भुंतर वाया कुल्लू, टेपार-औट, औट-ज्वालापुर, ज्वालापुर-पनारसा टेपरा। कुल्लू-मनाली, हलैणी-कुल्लू, कुल्लू-हलैणी, राहला-कुल्लू वाया सेरी बेहड़, भुंतर बरशैणी-हलैणी-कुल्लू-कुल्लू-मनाली वाया पतलीकूहल-नगर-कुल्लू हलैणी शाामिल है, जो काफी सालों से बंद पड़े हुए हैं।  यही नहीं बता दें कि विभाग  निजी बस आपरेटरों को बस रूट जारी किए थे, उनमें गड़सा-भुंतर-सैंज, बरशैणी-कुल्लू, कुल्लू-मनाली-हलैणी, राहला-कुल्लू वाया सेरीबेहड, भुंतर-बरशैणी आदि रूट ऐसे हैं, जिनकी परमिट वैद्यता समाप्त हो गई है। विभाग ने इन रूटों को न नए आपरेटरों को दिया है न ही रिन्यू किया है, जबकि हलैणी-कुल्लू-कुल्लू-मनाली बस परमिट ऐसा परमिट है, जिसकी वैद्यता समाप्त होने के बाद कैंसिंल तो किया है। इसका विकल्प नहीं ढूंढा है। उधर, कृष्ण चंद ठाकुर, आरटीओ कुल्लू का कहना है कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन ऐसा है तो 15 दिनों के भीतर व्यवस्था को सुधारा जाएगा। निजी बस आप्रेटरों को नोटिस थमाए हैं, निर्देश न मानने पर कार्रवाई की जाएगी।