बाबूगिरी कर रहे 700 ड्राइवर-कंडक्टर

By: Aug 28th, 2019 12:01 am

‘दिव्य हिमाचल’ के खुलासे पर विधानसभा में परिवहन मंत्री ने लगाई मुहर

हमीरपुर – मानसून सत्र की कार्यवाही में हिमाचल प्रदेश के परिवहन मंत्री गोबिन्द ठाकुर ने स्वयं इस बात को माना है कि हिमाचल पथ परिवहन निगम में 700 के करीब चालक-परिचालक बाबूगिरी कर रहे हैं। ये लोग मंत्रियों, विधायकों और अन्य राजनेताओं के आगे-पीछे घूम कर या बीमारी का झूठा बहाना बना कर ड्यूटी कर रहे हैं। बता दें कि ‘दिव्य हिमाचल’ ने पांच जुलाई को प्रकाशित अपने अंक में इस बात का खुलासा किया था कि प्रदेश में 600 से अधिक ड्राइवर-कंडक्टर ऐसे हैं, जिनकी या तो विधायकों, मंत्रियों से सेटिंग है या फिर हिमाचल पथ परिहवन निगम के बड़े अफसरों के साथ। वे कोई न कोई बहाना बनाकर डिपुओं में बाबूगिरी कर रहे हैं। परिवहन मंत्री ने सभी डिपुओं को निर्देश भी जारी किए थे कि ऐसे चालकों-परिचालकों को अपने मूल काम में लगाया जाए, ताकि प्रदेश में चल रही चालकों-परिचालकों की कमी पूरी हो सके। 21 अगस्त को परिवहन मंत्री ने सदन में नियम 130 के तहत जानकारी दी थी कि अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं मानवीय गलतियों की वजह से होती हैं। उधर, सूत्र बताते हैं कि इन 700 के लगभग कर्मियों में से अधिकांश अफसरों के चहेते हैं। उनका सेवाकाल 10 साल से भी कम हैं और वे कार्यालयों में लगा दिए गए हैं। इंटरव्यू ये चालक-परिचालक का देते हैं, वेतनमान भी अपनी मूल ड्यूटी के हिसाब से ले रहे हैं, लेकिन जुगाड़ से निगम के दफ्तरों में ड्यूटी बजा रहे हैं।

अस्वस्थ हैं, तो मेडिकल फिटनेस टेस्ट करवाएं

अगर कोई कर्मी मेडिकल तौर पर अनफिट हैं, तो विभाग नियम 23 का फार्म भरवाकर कर्मी का टांडा चिकित्सालय से मेडिकल करवा सकता है। इससे पता लग सकता है कि वह कर्मी सही में बीमार है या नहीं। हैरत की बात यह है कि बस अड्डों और वर्कशॉप में प्रभारियों के पदों पर लगे ये कर्मी 12 घंटे तक ड्यूटी देने को तैयार हो जाते है, लेकिन अपना मूल कार्य करना भी ठीक नहीं समझते हैं।


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