बारिश…ल्हासे गिरे…13 सड़कें बंद
जनजीवन अस्त-व्यस्त; टौणीदेवी डिविजन में सबसे ज्यादा नुकसान
हमीरपुर –जिलाभर में हुई मूसलाधार बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। बारिश का खौफनाक मंजर देख लोगों ने रात जागकर काटी है। मूसलाधार बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण व आईपीएच विभाग को हुआ है। दोनों ही विभागों को बारिश से करोड़ों रुपए की क्षति पहुंची है। शनिवार रात को बारिश से कई जगहों पर भू-स्खलन होने से लोक निर्माण विभाग की 13 सड़कें पूरी तरह अवरुद्ध हो गईं। वहीं, हमीरपुर से अवाहदेवी मार्ग पर बराड़ा के समीप भू-स्खलन की चपेट में दो वाहन आ गए। ट्रक व कार मलबे की चपेटें आने से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। बारिश से सबसे ज्यादा त्रासदी टौणीदेवी डिविजन में हुई है। टौणीदेवी में छह मार्ग बारिश के कारण बंद हो गए। भू-स्खलन के साथ पेड़ सड़कों पर आ गिरे। इस कारण यातायात जाम हो गया। कई बसें अपने निर्धारित समयानुसार नहीं पहुंच सकी, वहीं कई बसों को रूट पर ही नहीं भेजा गया। वहीं, हमीरपुर में दो, भोरंज में एक, बड़सर में एक, सुजानपुर में एक और नादौन में भी एक मार्ग बंद हो गया। हालांकि विभाग के प्रयासों से अधिकतर मार्गों को खोल दिया गया है। जानकारी के अनुसार हमीरपुर डिविजन के तहत हमीरपुर से रंगस जाने वाली सड़क पर अमरोह के समीप पेड़ गिर गए। वहीं, हमीरपुर से गलोड़ जाने वाली सड़क पर टिक्कर के समीप भू-स्खलन हो गया। इस कारण दोनों ही मार्ग बंद हो गए। वहीं, भोरंज में हमीरपुर से जाहू जाने वाली सड़क पर लगवान पास भू-स्खलन हुआ है। इस कारण यह मार्ग बाधित हो गया। कुछ घंटों बाद विभाग ने इसे खोला। बड़सर में बिझड़ी से ऊखली जाने वाली सड़क मार्ग पर धंगोटा के समीप बड़ा भू-स्खलन हो गया। इस कारण कई घंटो तक यह मार्ग अवरूद्ध रहा। वहीं, टौणीदेवी डिविजन में आधा दर्जन सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए। चौकी जम्बाला मार्ग भू-स्खलन के कारण अवरुद्ध रहा। वहीं, ऊहल से कक्कड़ मार्ग पर भी जगह-जगह भू-स्खलन हो गया। इस कारण यहां यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। कोट से चौरी, हमीरपुर से अवाहदेवी, कक्कड़ से सचूही, कक्कड़ से जंगलबैरी मार्ग पर भू-स्खलन हुआ है। इस कारण ये मार्ग बंद रहे। हालांकि अधिकतर मार्गों को यातायात के लिए खोल दिया गया है। वहीं, बात एनएच मार्ग की करें तो मटौर-शिमला मार्ग पर कई जगह भू-स्खलन हुआ है। भोटा के समीप बन रहे पुल के नजदीक एक पहाड़ी दरक गई। इसका मलबा मार्ग के किनारे तक पहुंच गया। हालांकि गनीमत रही कि मलबा मार्ग के मध्य तक नहीं पहुंचा। इसके साथ ही गसोती खड्ड पुल के समीप भी पहाड़ी गिर गई। भारी भरकम मबले के साथ गिरी पहाड़ी सड़क के मुहाने पर आकर अटक गई। वहीं, हमीरपुर शहर में शीशे वाली गली में एक मकान की दीवार गिर गई। दीवार गिरने के बाद अब इस रिहायशी मकान के गिरने का खतरा लगातार बना हुआ है।
कहां-कितना और क्या हुआ नुकसान
बारिश के बीच गांव घरयाणी टुकरेड़ में करंट लगने से एक सांड की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं, विजय कुमार निवासी ज्याणा का शौचालय जमींदोज हो गया। इस कारण उसे 90 हजार का नुकसान हुआ है। भारी बारिश के कारण अशोक कुमार निवासी रंगड़ का बरामदा गिरा गया। बरामदा गिरने से संबंधित परिवार को 50 हजार का नुकसान हुआ है। भलखु राम निवासी नौहण की गोशाला बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गई। नुकसान का आकलन 50 हजार रुपए किया गया है। अरुण कुमार गांव लफराण की गोशाला बारिश की वजह से डैमेज हो गई। इस कारण परिवार को 20 हजार का नुकसान झेलना पड़ा। विनोद कुमार निवासी रैली की गोशाला को भी नुकसान पहुंचा है। नुकसान का आकलन 25 हजार किया गया है। दिनेश पाल शर्मा निवासी लोहाड़ा का रिहायशी मकान बारिश की भेंट चढ़ गया। मकान पूरी तरह जमींदोज हो गया। इस कारण परिवार को चार लाख का नुकसान हुआ है। फौरी राहत के तौर पर पीडि़त को पांच हजार की राशि दी गई है।
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