बिना लाइसेंस चल रहा क्लीनिक सील

श्रीरेणुकाजी—जिला के ग्रामीण इलाकों मंे झोलाछाप डाक्टरों पर स्वास्थ्य विभाग ने शिकंजा कसा है। मात्र दो माह के अंदर ही ऐसे आधा दर्जन अवैध डिग्री धारक झोलाछाप धारक डाक्टरों की दुकानों मंे जिला ड्रग निरीक्षक भूमिका के नेतृत्व में छापामारी की गई है। इसमें पाया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध रूप से झोलाछाप एलोपैथिक दवाइयों की दुकानें चलाकर ग्रामीणों का इलाज कर रहे हैं। इस कड़ी में शुक्रवार को ड्रग अधिकारी सन्नी कौशल के निर्देशानुसार दवा निरीक्षक भूमिका और क्राइम ब्रांच शिमला की टीम ने संयुक्त रूप से ददाहू में एक निजी क्लीनिक पर छापामारी की। इस दौरान यहां बिना लाइसेंस के क्लीनिक चलता पाया गया, जिस पर ड्रग निरीक्षक भूमिका ने कार्रवाई करते हुए दवाइयों को सील कर दिया है। वहीं ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत आगामी कार्रवाई अमल में लाई है। ड्रग इंस्पेक्टर भूमिका ने बताया कि यहां निजी बंगाली क्लीनिक पर कार्रवाई के दौरान दवाइयों को बेचने का लाइसेंस नहीं पाया गया। वहीं एलोपैथिक दवाइयां, इंजेक्शन, टेबलेट आदि पाई गई, जिसे सील कर दिया गया है। आगामी कार्रवाई के लिए कोर्ट में मामला पेश किया जाएगा। गौर हो कि जिला सिरमौर में इस तरह के अवैध रूप से निजी क्लीनिक नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रहे हैं, जिनमें ऐसे लोग विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों, नीम-हकीम खतरा ए जान कई मर्तबा साबित हो रहे हैं। इस दौरान यहां क्राइम ब्रांच के उप-निरीक्षक रामरतन, हैड-कांस्टेबल गंगवीर सिंह टीम में शामिल थे। ड्रग निरीक्षक भूमिका ने बताया कि क्राइम ब्रांच को शिकायत प्राप्त हुई थी कि अवैध रूप से दवाइयों की दुकान चलाई जा रही है।