बिलासपुर सहित देश के 28 साई सेंटर अब राज्य स्तरीय

By: Aug 17th, 2019 12:05 am

‘खेलो इंडिया’ अभियान का बने हिस्सा, संबंधित राज्य के खिलाड़ी ही ले पाएंगे दाखिला

बिलासपुर – स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) के तहत देश भर में चल रहे 28 टे्रनिंग सेंटरों (एसटीसी) में अब केवल संबंधित राज्यों के खिलाड़ी ही खेलों की बारीकियां सीख पाएंगे, जबकि अन्य सेंटरों में देश के किसी भी राज्य से खिलाड़ी एडमिशन ले सकेंगे। हिमाचल प्रदेश का बिलासपुर साई सेंटर भी इन 28 टे्रनिंग सेंटरों की श्रेणी में आ गया है। ऐसे में अब केवल प्रदेश के धर्मशाला सेंटर में ही बाहरी राज्य से खिलाड़ी एडमिशन ले सकेंगे। खास बात यह है कि केंद्र सरकार के नए निर्णयानुसार साई के सभी ट्रेनिंग सेंटरों को खेलो इंडिया के अधीन कर दिया गया है। ऐसे में देश भर में कार्यरत सेंटरों के साथ ही प्रदेश में कार्यरत दोनों ही सेंटर खेलो इंडिया स्किल्स सेंटर बन गए हैं। खेल मंत्रालय के अधीन होने के बाद खिलाडि़यों की सुविधाओं और भवन इत्यादि की रिपेयर व निर्माण कार्य के लिए बजट जारी होने में विलंब नहीं होगा। जानकारी के मुताबिक पूरे देश भर में इस समय सौ से अधिक साई ट्रेनिंग सेंटर कार्यरत हैं। अभी तक भारतीय खेल प्राधिकरण के अधीन सेंटर कार्यरत थे, जबकि हाल ही में लिए गए फैसले के बाद इन सभी सेंटरों को खेलो इंडिया के अधीन लाया गया है। ऐसे में सभी सेंटर खेल मंत्रालय के अधीन कार्य करेंगे। इनमें से देश के 28 सेंटरों को राज्यस्तरीय दर्जा दिया गया है यानी इन सेंटरों में अधिकृत किए गए खेलों में संबंधित राज्यों के खिलाड़ी ही पंजीकृत हो सकेंगे। वहीं, धर्मशाला सेंटर में राज्य के अलावा अन्य राज्यों के प्लेयर भी हिस्सा ले पाएंगे, क्योंकि इस सेंटर के कुछ खेलों में राज्य के खिलाड़ी तो कुछ में देश भर के किसी भी राज्य के प्लेयर खेल सकेंगे। राज्यस्तरीय दर्जा पाने वाले सेंटरों में हिमाचल का बिलासपुर साई सेंटर, पटना, दुनापुर, जब्बलपुर, कुरुक्षेत्र, बिवाना, पटियाला, बरेली, विशाखापट्टनम, जोधपुर, पोंडा एंड पैडम, कालीकट, सेलम, अगरतला और इम्फाल इत्यादि शामिल हैं। इन सभी सेंटरों में रेजिडेंशियल में 2049 और नॉन रेजिडेंशियल में 664 यानी कुल 2713 खिलाड़ी खेलों की बारीकियां सीख पाएंगे। साई होस्टल बिलासपुर के इंचार्ज जयपाल चंदेल ने बताया कि देश भर में कुल 28 सेंटरों को स्टेट लेबल का दर्जा दिया गया है। इस बाबत डिप्टी डायरेक्टर वीपी भंडारकर की ओर से देश भर के सभी संस्थानों और रिजनल हैड को नोटिफिकेशन जारी हो चुकी है। बिलासपुर सेंटर में भी लिखित आदेश पहुंच चुके हैं। उन्होंने बताया कि पहले सभी साई सेंटर भारतीय खेल प्राधिकरण के अधीन कार्यरत थे, लेकिन अब खेल मंत्रालय के अधीन हो गए हैं। ऐसे में खिलाडि़यों की सुविधाओं के साथ भवन की रिपेयर और निर्माण कार्यों के लिए बजट जारी होने में अधिक समय नहीं लगेगा, बल्कि बजट समयबद्ध जारी होगा। पहले खेल प्राधिकरण को भेजे गए प्रोपोजल की मंजूरी में ही एक लंबा वक्त लग जाता था, जिस कारण खिलाडि़यों को सुविधाएं उपलब्ध होने में विलंब रहता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।


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