भराणू स्कूल भवन बाढ़ में बहा

पाठशाला की पुरानी इमारत के तीन कमरे व छह शौचालय बहे, 200 छात्रों की पढ़ाई खतरे में

नेरवा -गत सप्ताह आई बाढ़ से हुए नुकसान की एक के बाद एक कई तस्वीरें और ख़बरें सामने आ रही है। रविवार को आई भयंकर बाढ़ करोड़ों रुपये की निजी और सरकारी संपत्ति बहा ले गई है। क्षेत्र की कई सड़कें, बिजली की लाइनें,पाइप लाइनें, घर, स्कूल, बागीचे, उपजाऊ जमीन व अन्य संपत्ति बाढ़ त्रासदी की भेंट चढ़ने से आपातकाल जैसे हालात पैदा हो गए है। इससे लोगों की जिंदगी बिखर सी गई है। हालांकि प्रशासन दिन रात लोगों को राहत देने और बिखरे जनजीवन को सामान्य करने में जुटा हुआ है, परन्तु कुछ नुकसान ऐसे भी हुए हैं जिनकी पूर्ती करने में महीनों लग सकते हैं। ऐसा ही कुछ नेरवा से 13 किलोमीटर दूर भराणू में भी सामने आया है। यहां पर बाढ़ राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल भराणू की ईमारत को भी लील गई। इस वजह से इस स्कूल में पढ़ने वाले दो सौ छात्रों भविष्य की पढ़ाई पर तलवार लटक गई है। गत रविवार को आई भयंकर बाढ़ से स्कूल की पुरानी ईमारत के तीनों कमरे व छह शौचालय बह गए हैं,जबकि नए भवन के भी सभी छह कमरे पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। स्कूल के अंदर रखे मिड-डे-मील बनाने के सारे बर्तन,फर्नीचर एवं राशन भी बाढ़ की भेंट चढ़ गया है। यही नहीं स्कूल के दोनों तरफ का रास्ता बहने से यहां तक नाले से होकर पंहुचना पड़ रहा है। इस स्कूल में पढ़ने वाले तकरीबन सभी छात्र अत्यंत गरीब व पिछड़े वर्ग के परिवारों से सम्बन्ध रखते हैं। गरीब घरों के इन बच्चों को उनके अभिभावक पढ़ने के लिए भराणू से बाहर किसी अन्य स्थान पर भेजने में असमर्थ है,लिहाजा स्कूल बहने से इन छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। यदि जल्दी ही इन छात्रों की पढ़ाई के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई तो 200 छात्रों का भविष्य चौपट हो सकता है। छात्रों के अभिभावकों ने सरकार से गुहार लगाईं है कि जब तक स्कूल के लिए नया भवन नहीं बन जाता तब तक छात्रों के बैठने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था शीघ्र की जाए, ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित ना होने पाए। उन्होंने सरकार से यह भी मांग की है कि स्कूल के भवन निर्माण एवं मरम्मत के लिए शीघ्र टेंडर लगा कर इसका निर्माण करवाया जाए, ताकि छात्रों की पढ़ाई की स्थाई व्यवस्था हो सके।