मंदिर पार करेंगे गरीबों का बेड़ा

कांगड़ा, चामुंडा व ज्वालामुखी सहित कई बड़े देवालय देंगे सहयोग     

धर्मशाला  – देवभूमि के देवी-देवता अब प्रदेश के जरूरतमंद लोगों के मददगार बनेंगे। प्रदेश के मंदिरों से मात्र गिने-चुने परिवारों को लाभ मिल रहा है। जरूरतमंद व दुखी लोगों को सहायता मिल सके, इसके लिए भी मंदिरों के पुजारियों ने स्वीकृति दी है। सूबे के प्रमुख मंदिरों से मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए धनराशि देने को रेजोल्यूशन पास कर स्वीकृति दे दी है। कांगड़ा, चामुंडा, ज्वालामुखी सहित अन्य प्रमुख मंदिरों की कमेटियों ने बाकायदा इस निर्णय पर अपनी मुहर लगा दी है। देवभूमि के देवी-देवताओं में प्रदेश ही नहीं, बाहरी राज्यों के भक्तों की भी प्रगाड़ आस्था है। यही वजह है कि उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों के लोग यहां अपनी मनोकामना पूरी होने और मन्नत मांगने के लिए हर वर्ष लाखों लोग पहुंचते हैं। ऐसे में यह राशि अब प्रदेश के जरूरतमंद लोगों तक पहुंच सके, इसके लिए मंदिर प्रशासन मुख्यमंत्री राहत कोष को माध्यम बना रहे हैं। अधिकतर मंदिरों ने अपने-अपने हिस्से से एक करोड़ के करीब राशि सरकार को देने की स्वीकृति प्रदान करते हुए रेजोल्यूशन पास कर दिए हैं। इसके लिए बाकायदा संबंधित मंदिर प्रशासनों ने अपनी मुहर लगा दी है। गौर हो कि प्रदेश भर के मंदिरों में हर साल करोड़ों रुपए का चढ़ावा चढ़ता है। यदि इस पैसे का इस्तेमाल जनकल्याण के कार्याें के लिए किया जाए, तो इससे प्रदेश के हजारों लोगों को लाभ पहुंचेगा। फिलहाल इस योजना के लिए कांगड़ा जिला के प्रमुख मंदिर प्रशासनों के साथ कुछ अन्य देवालयों की समितियों ने भी इसके लिए हामी भर दी है। उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश के अन्य मंदिरों के प्रशासक भी इस योजना के जरिए जरूरतमंदों के कल्याण के लिए आगे आएंगे।