मनाली में गूंजा शास्त्रीय संगीत

मनाली -पर्यटन नगरी मनाली में वार्षिक शास्त्रीय संगीत उत्सव की धूम रही। हिडिंबा क्लासिक म्यूजिक सेंटर मनाली द्वारा आयोजित उत्सव वन्य प्राणी विभाग मनाली के सभागार में  मनाया गया। भाजपा मनाली मंडल के महामंत्री अखिलेश कपूर उत्सव में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे। अखिलेश कपूर ने हिडिंबा क्लासिक म्यूजिक सेंटर को वार्षिक शास्त्रीय संगीत उत्सव का आयोजन करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि म्यूजिक सेंटर के अध्यक्ष प्रोफेसर एनसी शर्मा व प्रधानाचार्य चंद्र मोहन कपूर व उनकी सभी टीम के साथी म्यूजिक सेंटर चलाकर सराहनीय कार्य कर रहे है। इससे मनाली व आसपास के बच्चों को शास्त्रीय संगीत सीखने का मौका मिल रहा है। उन्होंने सभी प्रतिभावान संगीतकारों की कला को सराहा और उन्हें भविष्य की शुभकामनाएं दीं। प्रधानाचार्य चंद्र मोहन कपूर ने शास्त्रीय संगीत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय शास्त्रीय संगीत की परंपरा भरत मुनि के नाट्यशास्त्र और उससे पहले सामवेद के गायन तक जाती है। भरत मुनि द्वारा रचित भरत नाट्य शास्त्र, भारतीय संगीत के इतिहास का प्रथम लिखित प्रमाण माना जाता है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासनकाल के दौरान कई नए वाद्य प्रचलन में आए और पाश्चात्य संगीत से भी भारतीय संगीत का परिचय हुआ। आम जनता में लोकप्रिय आज का वाद्य हारमोनियम उसी समय प्रचलन में आया। इस तरह भारतीय संगीत के उत्थान व उसमें परिवर्तन लाने में हर युग का अपना महत्वपूर्ण योगदान रहा है। दीप प्रज्वलित करने के बाद सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कार्यक्रम में राग भूपाली, तबला वादन, राग भीमपलासी, राग काफी, राग विहाग, इंस्टूमेंट म्यूजिक सितार व हारमोनियम कार्यक्रम मुख्य रहे।