वाइन महंगी बेचने पर हर्जाना

उपभोक्ता आयोग ने 30 रुपए ज्यादा वसूलने पर उपभोक्ता के हक में सुनाया फैसला

मंडी -शराब के तीस रुपए ज्यादा वसूलने पर शराब विक्रेता को अब दस हजार रुपए से अधिक की राशि भरने के आदेश राज्य उपभोक्ता आयोग ने दिए हैं। राज्य उपभोक्ता आयोग ने अधिक वसूले 30 रुपए खरीददार के पक्ष में ब्याज सहित लौटाने और दस हजार रुपए अदा करने का फैसला सुनाया। राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पीएस राणा और सदस्यों सुनीता वर्मा व विजय कुमार खाची ने प्रदेश उपभोक्ता संघ की अपील को स्वीकारते हुए विक्रेता सीपीएस त्यागी एल 2 ठेकेदार को खरीददार वेद कुमार के पक्ष में अधिक वसूले गए 30 रुपए 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित लौटाने का फैसला सुनाया। इसके अलावा विक्रेता को खरीददार के पक्ष में 5000 रुपए हर्जाना तथा 5000 रुपए शिकायत व्यय भी अदा करने का आदेश दिए हैं। आयोग ने विके्रता को एक माह के भीतर इस आदेश की अनुपालना करने के निर्देश दिए हैं। अधिवक्ता दिग्विजय सिंह और कीर्ति सूद के माध्यम से आयोग में दायर अपील के अनुसार प्रदेश उपभोक्ता संघ ने फोरम में शिकायत दायर की थी कि साल 2016-17 में वेद कुमार और जितेंद्र भारद्वाज विके्रता की दुकान से शराब खरीदने के लिए गए थे। जहां पर उन्होंने आईएमएफएल आफिसर च्वाइस ब्रांड की वाइन खरीदनी चाही। शराब की बोतल पर अधिकतम रिटेल मूल्य 300 रुपए अंकित था, लेकिन विके्रता के सेल्समैन ने उनसे 330 रुपए वसूल, जिस पर खरीददार वेद कुमार ने विरोध प्रकट करते हुए सेल्समैन से रसीद की मांग की, लेकिन सेल्समैन ने रसीद देने से बिलकुल इनकार कर दिया। हालांकि खरीददार ने इस बारे में आबकारी एवं काराधान विभाग और उपायुक्त मंडी को इस बाबत शिकायत की थी लेकिन उनकी शिकायत का निराकरण नहीं किया जा सका। प्रदेश उपभोक्ता संघ ने जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत दायर करते हुए न्याय की गुहार लगाई थी। लेकिन फोरम ने इस शिकायत को खारिज कर दिया था, जिसके बाद हिमाचल प्रदेश उपभोक्ता संघ के सचिव लवण ठाकुर ने फोरम के फैसले को चुनौती देते हुए राज्य उपभोक्ता आयोग के समक्ष अपील दायर की थी। आयोग ने अपील को स्वीकारते हुए कहा इस मामले में अब यह फैसला सुनाया है।