वायु सेना ने ही मार गिराया था अपना चौपर

By: Aug 24th, 2019 12:07 am

नई दिल्ली – बालाकोट हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों की गत 27 फरवरी को हवा में झड़प के दौरान वायु सेना द्वारा भूलवश अपने ही एक हेलिकाप्टर को मिसाइल से मार गिराए जाने के मामले में पांच अधिकारियों को दोषी पाया गया है। सूत्रों के अनुसार एमआई-17 हेलिकाप्टर दुर्घटना की जांच के लिए गठित कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ने अपनी रिपोर्ट में वायु सेना के पांच अधिकारियों को दोषी पाया है। यह रिपोर्ट आगे की कार्यवाही के लिए वायु सेना मुख्यालय भेजी गई है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ने पांच अधिकारियों को दोषी पाया है। गौर हो कि गत 27 फरवरी की सुबह 154 हेलिकाप्टर यूनिट के इस हेलिकाप्टर ने श्रीनगर हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी, लेकिन यह दस मिनट बाद ही बड़गाम में गिर गया। इस हादसे में हेलिकाप्टर में सवार सभी छह वायु सैनिकों की मौत हो गई थी, जबकि एक असैनिक भी हेलिकाप्टर की चपेट में आने से मारा गया था। उसी समय नौशेरा सेक्टर के हवाई क्षेत्र में भारत और पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों के बीच झड़प हो रही थी। पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी तड़के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के निकट बालाकोट में आतंकवादी ठिकानों पर बमबारी कर उन्हें ध्वस्त कर दिया था। पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों ने इसके जवाब में अगले दिन यानी 27 फरवरी की सुबह भारतीय ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की, जिसे वायु सेना ने विफल कर दिया। पाकिस्तानी विमानों की कार्रवाई के चलते उस समय पूरे क्षेत्र में हाई अलर्ट था। इसी दौरान एमआई-17 हेलिकाप्टर ने श्रीनगर बेस से उड़ान भरी। वायु सेना की जमीनी रक्षा प्रणाली उस समय चौकस थी और उसने राडार पर हवा में कुछ गतिविधि देखी, लेकिन वहां तैनात अधिकारियों को यह नहीं पता चला कि यह वायु सेना का ही हेलिकाप्टर है। इसे दुश्मन का समझ कर मिसाइल हमले में गिरा दिया गया था।


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