शिमला में हेपेटाइटिस-सी का इलाज

By: Aug 14th, 2019 12:01 am

आईजीएमसी में मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर, चार मरीजों का उपचार शुरू

शिमला  – आईजीएमसी में हेपेटाइटिस-सी का अब बेहतर इलाज मिलेगा। आईजीएमसी में चार मरीजों का इसे लकर ट्रीटमेंट शुरू कर दिया गया है। यह प्रदेश का इकलौता ऐसा सेंटर है, जिसमें लीवर में हुए हेपेटाइटिस-सी रोग का इलाज बेहतर तरीके से किया जा सकेगा। चार मरीजों का अस्पताल में इलाज शुरू कर दिया गया है। इसमें शिमला, मंडी, बिलासपुर और सिरमौर के मरीज़ शामिल हैं। एनएचएम के तहत यह इलाज मरीजों के फ्री दिया जा रहा है। प्रदेश सरकर के निर्देशों के तहत यह लाभ मरीजों को आईजीएमसी प्रशासन के माध्यम से दिया जा रहा है। हालांकि इस बीमारी के इलाज में लाखों का खर्च आता है। लिहाज़ा अब इस सेंटर के शुरू होने से जनता को काफी लाभ मिलेगा। दो विभागों के तहत यह इलाज मरीज़ों को मिलेगा। गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी विभाग इसमें काम कर रहा है। बताया जा रहा है कि हेपेटाइटिस-सी एक संक्रमित बीमारी है, जो दूषित खून या फिर दूषित सूई से फैलता है। ऐसा पहली बार है, जब आईजीएमसी में हेपेटाइटिस-सी की जांच और उसका इलाज मरीजों के  लिए शुरू किया गया है। यह सुविधा प्रदेश के सभी आय श्रेणियों के लिए उपलब्ध है। प्रदेश में मरीजों के रिकार्ड पर गौर करें तो हर वर्ष हेपेटाइटिस-सी के 50 मरीज अस्पताल में इलाज करवाने आते हैं। इसमें 8-10 मरीजों की हालत काफी खराब रहती है। पहले प्रदेश के किसी भी अस्पताल में इसके ट्रीटमेंट की सुविधा नहीं थी। कई बार मरीजों को आईजीएमसी से अन्य अस्पतालों में भी रैफर करना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा और मरीजों को यहां निःशुल्क सुविधा मिल पाएगी। बता दें कि हेपेटाइटिस-सी की दवाइयां भी काफी महंगी होती हैं, जिस कारण कई बार निम्न तबके के मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब आईजीएमसी इस सेंटर के खुलने से हर वर्ग के मरीजों को समय पर इलाज मिलेगा। फिलहाल यहां चार मरीजों का इलाज शुरू हो गया है।


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