शूलिनी विवि के छात्रों ने दी विषैले खरपतवार के दुष्प्रभावों पर जानकारी

By: Aug 18th, 2019 12:13 am

नौणी – स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर शूलिनी यूनिवर्सिटी ने विषैले खरपतवार पार्थिनियम के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक सप्ताहिक पार्थेनियम जागरूकता अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान सामान्य रूप से पर्यावरण, स्वास्थ्य व विशेष कर कृषि भूमि पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। सप्ताह भर चलने वाले इस अभियान के दौरान, संकाय और छात्रों को ऑनसाइट प्रदर्शनों के माध्यम से खाद के लिए खरपतवार के उन्मूलन और उपयोग के लिए जागरूक किया जाएगा। किसानों के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान भी तय समय पर आयोजित किए जाएंगे। इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम 16 से 22 अगस्त तक राष्ट्रीय स्तर पर एक साथ आयोजित किए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य  इस ज्वलंत समस्या के बारे में जनता को शिक्षित करना है। उद्घाटन के दिन, स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर के डीन डा. वाईएस नेगी मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रहे। वहीं, डा. पीके खोसला, विश्वविद्यालय के कुलपति, डा. सुनील पुरी रजिस्ट्रार, डा. डीआर शर्मा पूर्व डीन जैव-प्रौद्योगिकी और विश्वविद्यालय के डीन सहित निदेशकों का स्वागत किया। प्रतिभागियों के जानकारी के लिए क्रमशः डा. लोबजैंग स्टैनजेन और डा. अमित कुमार द्वारा पार्थेनियम के हानिकारक प्रभावों और बायोकंट्रोल पर विशेष व्याख्यान दिए गए। इस अभियान में स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर, बॉटनी और फूड टेक्नोलॉजी के डीन, डायरेक्टर्स, फैकल्टी और छात्रों सहित 250 से अधिक लोगों ने भाग लिया। उद्घाटन सत्र के बाद और उपयुक्त एहतियाती उपाय करके खरपतवार को उखाड़ने के प्रदर्शन के लिए विश्वविद्यालय परिसर में और उसके आसपास के क्षेत्र का दौरा किया गया। क्षेत्र भ्रमण का आयोजन कृषि संकाय के प्राध्यापक डा. जीके शर्मा, डा. के कुमार, डा. एसके गुप्ता, डा. आशुतोष मोहंती, डा. लोबजंग स्टैनजेन, डा. अमित कुमार, डा. मंसूर अली, डा. सलेना जंजुआ और डा. सलोनी ठाकुर द्वारा किया गया।


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