सड़कों के अपग्रेडेशन की डीपीआर अटकी

कई प्रस्तावों पर एनआईटी हमीरपुर की आपत्तियां, दुरुस्ती को जुटा पीडब्ल्यूडी

शिमला – प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बने मार्गों की अपग्रेडेशन के लिए अपलोड की गई डीपीआर में से कइयों पर ब्रेक लग गई है। केंद्रीय मंत्रालय एनआईटी हमीरपुर के माध्यम से इसकी पड़ताल करवाता है, जिसने कुछ सड़कों की डीपीआर पर आपत्तियां दर्ज की हैं। लोक निर्माण विभाग अब इन डीपीआर की आपत्तियों को दूर करने में लगा है, जिसके बाद ही यहां केंद्र सरकार सड़कों को अपग्रेड करने के लिए पैसा जारी करेगी। बता दें कि इसके तहत प्रदेश की 1250 किलोमीटर सड़कों के लिए पैसा मिलना है। डीपीआर को अपलोड करने का काम समय पर पूरा कर दिया गया था। विभाग ने 1250 किलोमीटर से कहीं ज्यादा की डीपीआर अपलोड कर दी थी। लोक निर्माण विभाग के फील्ड कार्यालयों से केंद्रीय मंत्रालय की वेबसाइट पर डीपीआर अपलोड की गई, जिसकी पड़ताल का काम एनआईटी हमीरपुर द्वारा किया जा रहा है।  यह प्रक्रिया 30 जुलाई तक पूरी कर ली गई थी, जिसके बाद आपत्तियां लगने का सिलसिला भी शुरू हो गया। हिमाचल प्रदेश को 1250 किलोमीटर सड़कों की अपग्रेडेशन पर सहमति पहले ही हो चुकी है। ये वे सड़कें हैं, जो कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधीन बनी हैं। इसके पहले चरण में जो सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने के लिए तैयार हो चुकी हैं, उनको अब अपग्रेड किया जाना है। इसमें ऐसा नहीं है कि जो सड़कें पहले बन चुकी हैं, उनकी अपग्रेडेशन सबसे पहले होगी, बल्कि सड़कों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह काम किया जाएगा। इससे पहले 30 जून तक उन्हें मास्टर डाटा अपलोड करने के लिए कहा गया था, जिसे भी समय पर पूरा कर लिया गया था।  हिमाचल को उम्मीद है कि वह जल्द ही एनआईटी द्वारा लगाई गई आपत्तियों को दूर कर देगा, जिससे यहां जल्द से जल्द सड़कों की दशा सुधारने के लिए पैसा मिलना शुरू होगा। हिमाचल को विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा हासिल है और यहां की भौगोलिक परिस्थितियां अन्य राज्यों से भिन्न हैं। ऐसे में हिमाचल प्रदेश विशेष डिमांड कर रहा है कि उसे दूसरे राज्यों से अधिक सहायता इसमें दी जाए। यहां पर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधीन बड़ी संख्या में ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया है। सड़कों को अपग्रेड करना बेहद जरूरी है, जिससे इन सड़क मार्गों में और जान पड़ेगी।