साढ़े चार साल में 12,475 हादसे

By: Aug 22nd, 2019 12:03 am

मानवीय गल्तियों से हुई 11,859 दुर्घटनाएं, मौजूदा वर्ष में अभी तक 688 मौतें

शिमला  – हिमाचल प्रदेश में साढ़े चार साल में 12 हजार 475 सड़क हादसे हुए हैं। इसमें मानवीय गल्तियों से 11,859 सड़क हादसे हुए हैं। इतना ही नहीं, इस साल जनवरी 2019 से अगस्त महीने तक प्रदेश में 1753  हादसे हो चुके हैं, जिसमें 688 लोगों की मौत हुई है। सड़क हादसों के यह चौंका देने वाले आंकड़े बुधवार को सदन में परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने रखे। वह नियम 130 के तहत लाई गई चर्चा में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में जनवरी से अगस्त तक 1937 हादसे हुए जिसमें 754 की मौत हुई। उन्होंने बताया कि ओवर स्पीड के कारण 51.45 हादसे  दर्ज किए गए हैं, जबकि ओवरटेकिंग से 6.4 फीसदी हादसे होते हैं। नशे के कारण 3.89 फीसदी हादसे हुए हैं। नशे क कारण भी कई हादसे हो चुके हैं। केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट में सख्त प्रावधान किए हैं, जिन्हें हिमाचल प्रदेश में भी सख्ती के साथ लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि  मोटर व्हीकल एक्ट को लागू करने में लोगों को मदद करनी होगी, जिसमें विधायक भी अपना सहयोग करें। उन्होंने बताया कि नूरपुर बस हादसे के बाद यह तय किया गया था कि किसी भी हादसे की थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन करवाई जाएगी, जिसके लिए सरकार कंसल्टेंट एजेंसी से मदद ले रही है, वहीं एशियन इंस्टीटयूट ऑफ ट्रांसपोर्ट डिवेलपमेंट नोएडा में लोक निर्माण विभाग को विशेष प्रशिक्षण भी दिलाया जा रहा है, जो कि सड़क से जुड़े मामलों में विशेषज्ञता हासिल करेंगे। परिवहन मंत्री ने एलान किया कि सड़क में ब्लैक स्पॉट सुधारने के लिए टेंडर होने के बाद भी यदि ठेकेदार काम नहीं करता है और कोई हादसा हो जाता है,तो अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय होगी। उन्होंने सदन को बताया कि ओवर लोडिंग की समस्या को दूर करने के लिए 124 नए बस रूट प्राइवेट ऑपरेटरों को देने के आदेश दिए गए हैं, वहीं जिला स्तर पर 251 स्टेज कैरियर रूट चिन्हित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि 100 इलेक्ट्रिक बसों का एक और प्रोजेक्ट प्रदेश के लिए मंजूर हो गया है।

चालकों-परिचालकों की बाबूगिरी नहीं चलेगी

परिवहन मंत्री ने बताया कि बस अड्डों पर बाबूगिरी कर रहे चालक व परिचालक वहां से निकाले जाएंगे, जिनकी जगह पर कैशियर व क्लर्क के पदों को भरा जाएगा। अभी करीब 700 लोग अड्डों पर बैठकर बाबूगिरी कर रहे हैं। इसके साथ सरकार ने टीएमपीए के 1047 पद भरे हैं, वहीं चालकों के 674 पदों को भरा जा रहा है।  इसके साथ 696 कंडक्टरों की भर्ती मार्च महीने से पहले कर दी जाएगी, जिसके लिए पेपर खुद एचआरटीसी तैयार करेगा।

प्रदेश में 16 लाख 54 हजार 326 गाडि़यां

सदन में सरकार की ओर से बताया गया कि राज्य में 16 लाख 54 हजार 326 कुल वाहन हैं। इसमें से दो लाख 67 हजार 826 पब्लिक ट्रांसपोर्ट तथा 13 लाख 86 हजार 500 नॉन ट्रांसपोर्ट व्हीकल दर्ज हैं। प्रदेश में हर साल 80 हजार वाहन दर्ज हो रहे हैं।

ऐप लांच की जाए

विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा कि एक ऐप लांच की जानी चाहिए, जिसमें रोड के बारे में ताजा जानकारी मिल जाए।

विधायक हर्षवर्धन बोले

विधायक हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि ओवरलोडिंग के कारण सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। बंजार हादसे में भी यही सब हुआ। उन्होंने कहा कि बसों का बेड़ा बढ़ाने की जरूरत है।

रोड क्वालिटी पर दें ध्यान

विधायक राकेश जम्वाल ने कहा कि सड़क निर्माण के साथ उसकी क्वालिटी पर ध्यान देना चाहिए। एचआरटीसी के चालकों पर अत्यधिक बोझ है, लिहाजा खाली पद भरे जाने चाहिएं। चंडीगढ़ की तर्ज पर हिमाचल में भी यातायात नियमों की सही अनुपालना के लिए सख्ती हो।

नशे में ड्राइविंग बैन हो

विधायक विनोद कुमार ने कहा कि चालक नशा करके चलाते हैं, जिन पर रोक लगनी चाहिए। हेलमेट के बिना कोई न हो, इसे सुनिश्चित बनाया जाए। एल्कोहल सेंसर का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग हो।

कितने ब्लैक स्पॉट

राकेश पठानिया ने कहा कि ब्लैक स्पॉट कहां पर हैं और कितनों को सुधारा है, यह आम जनता की जानकारी में होना चाहिए। उन्होंने आरोप जड़ा कि ठेकेदारों के साथ मिलीभगत है, क्योंकि जिस ब्लैक स्पॉट को ठीक किया जाता है, वहीं नुकसान हो जाता है। उन्होंने बेसहारा पशुओं को दुर्घटना का एक बड़ा कारण बताया।

सीसीटीवी कैमारा होने चाहिएं

विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सीसीटीवी कैमरे होने चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि आरटीओ व एमवीआई के स्तर पर भ्रष्टाचार होता है, तभी तो खटारा प्राइवेट बसों को पास कर दिया जाता है।

देहरा में सौ दुर्घटनाएं

विधायक होशियार सिंह ने बताया कि देहरा में तीन साल में 100 हादसे हो चुके हैं, जिसमें 54 की मौत हो गई। मंदिरों में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के हादसे सबसे ज्यादा होते हैं, मगर बैरियर पर पुलिस इनके वाहनों को नहीं रोकती।

छोटी गाडि़यां चलाई जाएं

विधायक बलबीर वर्मा ने कहा कि उनके क्षेत्र के एक पूर्व विधायक मेहर सिंह चौहान की बस हादसे में मौत हुई। चौपाल में 11 हादसे हो चुके हैं। दूरदराज में बसें कम हैं, लिहाजा वहां शिमला की तर्ज पर छोटी गाडि़यों को चलाया जाना चाहिए।

सड़कों की हालत खस्ता

राजेंद्र राणा ने कहा कि वाहनों की संख्या  बढ़ चुकी है और सड़कों की हालत खराब है। पीडब्ल्यूडी के लोग समय पर पैसा मिलने पर भी सड़क का काम नहीं करते। बिना सड़कों की हालत सुधारे निवेश कैसे आएगा।

एक्ट गंभीरता से लागू हो

रामलाल ठाकुर ने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट को गंभीरता से लागू करना चाहिए। ब्लैक स्पॉट के नाम पर गोरखधंधा चल रहा है। चर्चा में मोहन लाल ब्राक्टा, लखविंद्र राणा, प्रकाश राणा, विक्रमादित्य सिंह व अरुण कूका ने भी हिस्सा लिया।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App