सामाजिक न्याय के नाम पर डेढ़ करोड़ का घपला

By: Aug 7th, 2019 12:30 am

‘दिव्य हिमाचल’ में छपी खबर के बाद जारी हुए थे जांच के आदेश

शिमला  – सामाजिक योजनाआें के आबंटन में डेढ़ करोड़ की बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ऑडिट रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। मंडी में सामाजिक योजनाआें के आबंटन में हुए गोलमाल को लेकर तैयार की गई ऑडिट रिपोर्ट को ऑडिटर्स ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को सौंप दिया है, जिसमें डेढ़ करोड़ का घपला सामने आया है, जिसके बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाने वाली है। गौर हो कि ‘दिव्य हिमाचल’ के 20 नवंबर के अंक में प्राइवेट खाते से जारी हुआ सरकार का पैसा शीर्षक से खबर प्रकाशित की गई थी, जिसके बाद प्रदेश सरकार ने सीएम के गृह जिला में हुई इस गड़बड़ी को लेकर विभागीय ऑडिट के आदेश दिए थे, जिसमें अब लगभग डेढ़ करोड़ का घपला सामने आया है। यह ऑडिट रिपोर्ट विभाग को सौंप दी गई है। सबसे पहले अंतरजातीय विवाह योजना में गड़बड़ी सामने आई थी, जिसके बाद संबंधित सभी योजनाआें के जांच के आदेश दिए गए थे। संबंधित शिकायत जिला कल्याण अधिकारी मंडी ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता के निदेशक से भी की थी, जिसमें निदेशक से ऑडिट करने के बारे में लिखा गया था। इसके बाद यह ऑडिट हुआ था। जानकारी के मुताबिक मंडी से वर्ष 2014 में सुनिता नाम की महिला ने अंतरजातीय विवाह किया, जिसके बाद विभाग की ओर से विवाह की इस प्रोत्साहन योजना के लिए 50 हजार की राशि वर्ष 2015 में स्वीकृत भी हो गई। यह जानकारी महिला को आरटीआई के माध्यम से प्राप्त हुई थी, लेकिन चौंकाने वाली बात यह थी कि वर्ष 2018 तक यह राशि सुनिता को मिल ही नहीं पाई। जब महिला ने जिला कार्यालय में आरटीआई से प्राप्त सूचना बताई तो आनन-फानन में महिला को तीन वर्ष के बाद पचास हजार का ड्राफ्ट सौंप दिया गया। गौर हो कि यह एक प्रॉपर चैनल से नहीं था, जिसके बाद महिला ने इस प्रोत्साहन योजना के तहत दिया गया यह ड्राफ्ट लौटा दिया। ड्राफ्ट को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के कार्यालय को आगामी जांच के लिए भेज दिया गया था, जिस पर अब जांच की गई है। ऐसी ही शिकायतें प्रदेश के अन्य जिलों से भी पेश आ रही हैं, जिसमें कांगड़ा, सोलन, बिलसपुर जिले भी बताए जा रहे हैं। बहरहाल, अब कार्रवाई करने की तैयारी है।

ये उठे हैं सवाल

सवाल ये उठ रहे हैं कि जब पहले वर्ष 2015 में यह राशि मंजूर की गई, तो तब तक सुनिता को अंतरजातीय पुरस्कार योजना के तहत पैसा क्यों नहीं मिल पाया? हैरानी तो उस समय हुई है, जब महिला द्वारा बार-बार शिकायत करने के बाद सामने आया है कि उसे पचास हजार की राशि का ड्राफ्ट एक निजी खाते से सौंप दिया गया है, जो एक प्रॉपर चैनल से नहीं दिया गया है। यह ड्राफ्ट किसी एक व्यक्ति विशेष के खाते से दिया गया है, जिसमें गड़बड़ी की बू आ रही है।


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