हरियाणा सरकार खुद बता दे कितना पैसा देंगे
शिमला – बीबीएमबी में हिस्सेदारी के रूप में हरियाणा से मिलने वाली धनराशि का मामला कैबिनेट ने हरियाणा सरकार पर छोड़ दिया है। प्रदेश सरकार ने कहा है कि हरियाणा सरकार अपनी ओर से हिमाचल को प्रस्ताव दे और बताए कि वह प्रदेश को कितना पैसा देना चाहती है और यह राशि किस आधार पर देगी। इसके बाद प्रदेश सरकार अपना रुख स्पष्ट करेगी और अपनी बात अटॉर्नी जनरल के सामने रखेगी। गुरुवार को कैबिनेट में इस मामले पर चर्चा हुई है, जिसमें ऊर्जा विभाग ने बताया कि पंजाब बिजली के रूप में पुरानी हिस्सेदारी देने को तैयार है, जबकि हरियाणा पैसा देगा, लेकिन यह राशि किस आधार पर और कितनी होगी, यह अभी तय नहीं है। हरियाणा हिमाचल को 90 पैसे प्रति यूनिट की दर से पैसा देना चाहता है, जबकि हिमाचल एक रुपए 40 पैसे प्रति यूनिट की दर से पैसा मांग रहा है। कुल 13066 मिलियन यूनिट बिजली का बकाया हिस्सा पंजाब व हरियाणा से लिया जाना है। ऊर्जा विभाग ने इसके लिए अपनी ओर से मसौदा तैयार कर रखा है, जिसे कैबिनेट के सामने भी लाया गया। इस पर बातचीत की गई, जिस पर मंत्रिमंडल ने तय किया कि हरियाणा से पहले उसकी बात सुनी जाए। इस पर हरियाणा से प्रस्ताव मांगे जाने को कहा गया, जो कि अटॉर्नी जनरल के साथ होने वाली बैठक में निर्णय बताएंगे। यह मुद्दा फिर सुप्रीम कोर्ट के सामने भी जाएगा, लेकिन उससे पहले दोनों राज्यों के बीच हिस्सेदारी आपस में तय हो जाएगी। हिमाचल को पड़ोसी राज्यों से 4200 करोड़ रुपए से अधिक की बकाया राशि लेनी है। दोनों राज्यों ने इसके लिए अलग-अलग शर्तें रखी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें निर्देश दिए हैं कि वे हिमाचल की हिस्सेदारी चुकता करें।
हरियाणा 90 पैसे प्रति यूनिट पर अड़ा
हरियाणा राज्य नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड द्वारा तय की गई दरों पर पैसा देने की बात कह रहा है, जिसमें हिमाचल को नुकसान है। यह दर 90 पैसे प्रति यूनिट की है, जबकि हिमाचल बीटीपीएस दरों पर रेट मांग रहा है, जो कि थर्मल पावर के लिए एक रुपए 40 पैसे प्रति यूनिट है। अभी इस पर नेगोसिएशन की जानी है।
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