हर जिला में होंगे 10 मॉडल विलेज

By: Aug 12th, 2019 12:40 am

केंद्र सरकार की योजना; कृषि विभाग को गांवों का चयन करने के आदेश, बजट भी जारी

शिमला  – हिमाचल प्रदेश के हर जिले में अब दस गांव मॉडल बनेंगे। इन दस गांव में किसानों को खेतीबाड़ी करने के लिए पूरी तरह से आर्थिक सहायता की जाएगी। केंद्र सरकार ने कृषि विभाग को हर जिले में मॉडल विलेज के चयन को लेकर निर्देश जारी किए हैं। वहीं, इसके लिए भारत सरकार ने कृषि विभाग को बजट भी जारी कर दिया है। भारत सरकार ने माना है कि नेचुरल फार्मिंग को अपनाने के लिए हर साल मिट्टी परीक्षण करना जरूरी है। इससे आसानी से यह पता लगाया जा सकता है कि किसानों के खेतों में किस प्रोडक्ट या फिर खाद की ज्यादा जरूरत है। हिमाचल में हर साल उत्पादन कम होने की वजह से केंद्र सरकार ने मिट्टी परीक्षण को लेकर हर जिले में दस गांव को मॉडल बनाने का फैसला लिया है। इससे मॉडल गांव के फार्मर्स को मिट्टी जांच करने के बाद यह भी बताया जाएगा कि वह कौन सी फसल अपने खेत में उगा सकते हैं। बता दें कि मॉडल गांव की मिट्टी जांच जीपीएस सिस्टम के तहत की जाएगी। वहीं, खेतों में मिट्टी को उपयुक्त बनाने के लिए खाद व जो भी प्रोडक्ट की जरूरत होगी, उसे फ्री में मुहैया करवाया जाएगा। केंद्र सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में मॉडल विलेज बनाने को लेकर निर्देश जारी किए हैं। राज्य में पहली बार केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए बजट भी जारी किया है। बताया जा रहा है कि जो विलेज मॉडल बनेगा, उस गांव के हर किसान को हाईटेक योजना से जोड़ा जाएगा। वहीं, खेतों में मिट्टी के सैंपल भी ऑनलाइन सिस्टम के तहत किसानों को लेने बताएं जाएंगे। कृषि विभाग मॉडल विलेज में कार्यशालाएं, डेमोस्ट्रेशन, और किसान मेले का आयोजन करवाएगा। अहम यह है कि मॉडल विलेज के किसानों को जरूरत के हिसाब से हर बीज, और सैंपल मशीनें तक उपलब्ध करवाई जाएंगी। बता दें कि केंद्र अब हर साल मॉडल विलेज के लिए बजट जारी करेगी। वहीं किसानों भी हाईटेक  सुविधाओं का फायदा ले सकें, इसके लिए उन्हें मॉडर्न टे्रनिंग भी दी जाएगी।

हजारों एकड़ जमीन बंजर

प्रदेश में कई ऐसे गांव हैं, जहां पर कई सालों से मिट्टी की जांच नहीं हो पाती थी। इससे हजारों एकड़ जमीन बंजर हो गई है। केंद्र के आदेशों के बाद कई जिलों में दस ऐसे गांव का चयन भी हो चुका है। अब कृषि विभाग की टीम चयन किए गए गांव को मॉडल बनाने के लिए इसी माह से कार्य करना भी शुरू कर देगी। एक वर्ष तक किसानों की खेती की फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद की जाएगी।

खाद से उपजाऊपन में कमी

विशेषज्ञों के अनुसार राज्य के कई क्षेत्रों में मिट्टी परीक्षण किया गया था। इसमें खुलासा हुआ है कि कई किसानों ने खेतों में अंगे्रजी खाद का ज्यादा प्रयोग कर भी मिट्टी की क्षमता को घटाया है। कुल मिलकार मिट्टी में कई कमियां सामने आ रही हैं, जिन्हें दूर करने के लिए फार्मर्स को खाद से लेकर हर प्रोडक्ट का इस्तेमाल सही मात्रा में करने की सलाह मॉडल विलेज बनने के बाद दी जाएगी।


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