हवाई में मरकर जिंदा हुआ नौड़
काहिका उत्सव में निभाई गई अनूठी देव परंपरा, नाटी पर थिरके हारियान
भुंतर -जिला कुल्लू की रूपी घाटी के हवाई गांव में काहिका उत्सव में धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम के तहत देवता जमदग्नि ऋषि ने नौड़ (देव प्रतिनिधि) को मारकर और फिर जीवित कर अपनी देवशक्तिओं को प्रमाणित किया। शनिवार को मेले के अंतिम दिन कुल्लवी नाटी पर हारियान थिरके। शुक्रवार देर शाम को देवशक्ति को देखने के लिए यहां पर हजारों लोग उमड़े। चार दिवसीय मेले के तीसरे दिन शुक्रवार को इस प्रक्रिया का निर्वहन हुआ तो अंतिम दिन इसके जश्न के तौर पर नाटी डाली गई। देवता के कारदार ओमप्रकाश और पदाधिकारी खेम सिंह, युवा मंडल के प्रधान कुलभूषण सहित अन्य कारकूनों ने बताया कि हर तीन साल बाद उक्त मेले का आयोजन होता है। देर शाम को नौड़ के साथ मंदिर की परिक्रमा की गई तो वाद्ययंत्रों की धुन पर हारियानों का काफिला मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित नड़ बलि स्थान में पहुंचा। नौड़ को देवता के वरिष्ठ कारकून द्वारा देवजल पिलाया गया। जल पीते ही नौड़ अचेत होकर गिर पड़ा तो इसे कपड़ों में लपेटकर मंदिर में लाया गया। देवता के रथ के आगे अचेत नौड़ के परिवार के लोग विलख-विलख कर रोते हुए देवता से उसके अचेत शरीर में दोबारा प्राण भरने के लिए गिड़गिड़ाने लगे तो उपस्थित हारियानों की आंखें भी नम हो उठीं। लंबी प्रार्थना के बाद देवता जमदग्नि ऋषि की शक्तियां प्रमाणित हुई तो नौड़ जीवित हो उठा। युवा मंडल के प्रधान कुलभूषण ने बताया कि मेले के तीसरे दिन बंजार कांग्रेस के अध्यक्ष दुष्यंत ठाकुर ने भाग लिया तो सांसकृतिक संध्या में प्रदेश के जाने माने कलाकार रमेश ठाकुर ने लोगों का मनोरंजन किया। इसके अलावा स्थानीय कलाकारों ने भी रंग जमाया। मेले के अंतिम दिन देवता जमदग्नि ऋषि के दरबार में भक्तों की भारी भीड़ दर्शनों के लिए उमड़ी। वहीं मेले के तहत खेल प्रतियोगिता भी करवाई गई। बहरहाल, चार दिवसीय काहिका के दौरान देवता जमदग्नि ऋषि ने अपनी शक्तियों का परिचय दिया।
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