हिमाचल प्रदेश से भगाया बौनापन-कुपोषण

केंद्र सरकार ने पोषण अभियान में एक्सीलेंस अवार्ड के लिए किया सिलेक्ट

शिमला – बच्चों के बौनेपन और कुपोषण भगाने में हिमाचल प्रदेश ने बड़े राज्यों को पछाड़ कर देश भर में पहला स्थान हासिल किया है। महिला एवं बाल विकास (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता) विभाग की इस उपलब्धि को मोदी सरकार ने सलाम किया है। इस आधार पर केंद्र सरकार ने देश के सभी राज्यों को हिमाचल के मॉडल अपनाने के फरमान जारी किए हैं। मंगलवार को केंद्र सरकार ने इसकी घोषणा करते हुए हिमाचल को इस अभियान में आदर्श राज्य बनाने पर एक्सीलेंस अवार्ड देने का ऐलान किया है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्रदेश के चारों अहम विभागों के प्रयास रंग लाए हैं। जानकारी के मुताबिक क्षमता निर्माण व व्यवहार में बदलाव (कैपेसिटी बिल्डिंग बिहेवियर चेंज इन हिमाचल) में देश भर में प्रदेश को पहला स्थान मिला है। इसमें खासतौर पर मैटरनल एंड चाल्इड न्यूट्रीशियन में हिमाचल का काम अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा सराहा गया है। वहीं, हिमाचल को दूसरा स्थान इंटीग्रेटिड चाइल्ड डिवेलपमेंट सर्विसेज इन इंडिया के तहत विभिन्न कार्यक्रमों के बेहतर प्रसार के लिए प्राप्त हुआ है। जानकारी के मुताबिक पोषण अभियान में प्रदेश को सफल करने के लिए जिन चार विभागों ने मिलकर काम किया है उसमें  शिक्षा, स्वास्थ्य, पंचायती राज विभाग और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के तहत बाल विकास परियोजना ने काम किया गया है। गौर हो कि नाटेपन की दर को घटाकर प्रदेश में 15 प्रतिशत लाने पर काम किया जाएगा। 2022 का इस टारगेट को पूरा किया जाएगा। हिमाचल में नाटेपन की तस्वीर को देखें तो मौजूदा समय में ये करीब 26 फीसदी है। अभी ये लगभग पांच से दस फीसदी की दर से बेहतर हो रही है। गौर हो कि पहले चरण में यह अभियान शिमला, चंबा, हमीरपुर और सोलन में चलाया गया है। वहीं बाकी जिलों में भी यह योजना शुरू की जा रही है। गौर हो कि पोषण अभियान में छह वर्ष से कम उम्र के  बच्चे शामिल किए गए हैं।

कैसे किया काम

प्रदेश में इस अभियान को बेहतर चलाने के लिए आंगनबाड़ी वर्कर्ज को बच्चों पर स्मार्ट फोन के माध्यम से नज़र रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें उनके खान-पान से लेकर उनका हैल्थ अपडेट का पूरा रिकार्ड रखा गया है। प्रदेश के पांच जिलों में लगभग सात हजा़र स्मार्टफोन दिए गए हैं। बाकियों को भी जल्द ही फोन दिए जाएंगे।