हिमाचल सरकार लेगी आठ रुपए किलो सेब

राज्य सरकार ने इस वर्ष के दौरान राज्य में सेब की खरीद के लिए मंडी मध्यस्थता योजना यानी एमआईएस को लागू करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस योजना को 20 जुलाई से 31 अक्तूबर तक लागू किया जाएगा। इस योजना के तहत लगभग 1.48 लाख मीट्रिक टन सेब की खरीद का लक्ष्य रखा गया है। यह खरीद आठ रुपए प्रति किलो की दर से की जाएगी, जबकि हैंडलिंग शुल्क 2.75 रुपए प्रति किलोग्राम होगा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक फल उत्पादकों की मांग के अनुसार प्रदेश में 279 खरीद केंद्र खोले जाएंगे। जिनमें से 162 संग्रहण केंद्रों को एचपीएमसी द्वारा तथा 117 केंद्रों को हिमफैड द्वारा संचालित किया जाएगा। इन गतिविधियों के लिए इन दोनों एजेंसियों को 258.46 लाख रुपए सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए जाएंगे। ये ऐसे सेब होंगे जो डी गे्रड और जो पेटियों के जरिए मंडियों में नहीं बिकते हैं। उल्लेखनीय है कि इस बार ऊपरी शिमला में सेब सीजन शुरू हो चुका है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने मंडी मध्यस्थता योजना को लागू करने की स्वीकृति दी है।

आरपी नेगी, शिमला

महंगा बिका टाइडमैन सेब

ढली फल मंडी में टाईडमैन सेब मगंलवार को 1500 रुपए प्रति बाक्स के हिसाब से बिका। फल मंडी में टाईडमैन सेब के दाम सामान्य बने हुए हैं। जबकि रैड जून सेब 300 से 600 रुपए के हिसाब से बिक रहा है।

आठ लाख पेटियां पहुंची मार्केट में

सेब सीजन से पहले जिला शिमला के बागबानों को 24 सड़कें दगा दे गईं। पिछले दो दिनों से हुई लगातार बारिश के चलते जिला शिमला की अधिकांश संपर्क मार्ग टूट गए हैं। संपर्क मार्ग के टूटने से ये अभी मुख्य मार्गों से नहीं जुड़ पाए हैं। ऐसे में जिला शिमला के बागबानों को चिंता सताने लगी है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक रोहडू़ जोन में आठ, रामपुर जोन में 10 सहित पूरे शिमला जिला में 24 सड़कें बंद हुई हैं। हालांकि रविवार को जिला शिमला में बारिश नहीं हुई, लेकिन बीते दो दिनों में हुई बारिश कहर बन कर बरस पड़ी, जिस कारण सड़कें बंद होने की नौबत आई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक रामपुर, रोहडू, कोटखाई, जुब्बल, रतनाडी सहित ठियोग के कुछ क्षेत्रों में संपर्क मार्ग बाधित हुए हैं।               

 -टेकचंद वर्मा, शिमला

इस सेब सीजन के दौरान सेब की बंपर फसल का अनुमान लगाया जा रहा है। मगर सेब में साईज न बनने से बागबान चिंतित दिख रहे हैं। बागबानों को खतरा सता रहा है कि अगर अगामी दिनों के दौरान सेब के आकार में वृद्वि नहीं होती है, तो उनको मेहनत का सही मोल नहीं मिल पाएगा। जिला शिमला में बारिश कम होने के चलते इसका असर सेब के आकार में देखने को मिल रहा है। जिला के कम व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब के दानों में रंग आना शुरू हो गया है। इन क्षेत्रों से 20 जुलाई तक सेब सीजन भी आरंभ हो जाएगा। हालांकि जिला शिमला में सेब की बंपर फसल है, लेकिन आकार न बढ़ने से बागबान खासे चिंतित दिख रहे हैं। कुमारसैन के बागबान चुनी लाल का कहना है कि इस साल सेब में साईज की कमी है। अगर यही आलम बना रहा तो बागबानों को फसल के उतने दाम नहीं मिल पाएंगे।                                

सेब का बाक्स 3800 में

कुमारसेन के कचीनघाटी के बागबान सुभाष गुप्ता के सेब के बागीचे में तैयार रेड विलाक्स ने शिमला की भट्टाकुफर फल मंडी में अभी तक के रेट का रिकार्ड तोड़ते हुए 3800 रुपए प्रति बॉक्स बेचा है। मंगलवार को  भट्टाकुफर फल मंडी में केटीसी फार्म के पास सुभाष गुप्ता ने अपने बागीचे में तैयार किया हुआ रेड विलाक्स सेब बेचा। जिसने मंडी में धमाल मचा दिया है। भट्टाकुफर फल मंडी में केटीसी फार्म शॉप नंबर 21 में पुने की एक व्यापारी ने बोली लगाई जो 3800 रुपए में रूकी। सुभाष गुप्ता के बेटे राहुल गुप्ता ने बताया कि 2013 में अपने बागीचे कचीनघाटी में उनके पिता ने रजत बायोटेक घुमारवी बिलासपुर से 111 रूट स्टाक के पौधों को लाया था जिस पर उन्होंने कलमें करके बागीचा तैयार किया। पिछले कुछ दिनों से रायल ने भी मार्किट में दस्तक दे दी है और रायल भी इस समय 1500 से 2500 तक बिक रहा है। इस बार बागबानों को शुरूआती दौर में अच्छे दाम मिल रहे है।   

-रोहित सेम्टा, ठियोग

ऊना में पहली बार आलू का बीमा

ऊना जिला में आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए गुड न्यूज है। प्रदेश सरकार ने ऊना में आलू की खेती को बीमे के दायरे में ला दिया है। इसके लिए किसानों को  एक कनाल के लिए महज 150 रुपए  प्रीमियम जमा करवाना होगा। नुकसान होने पर कम्पनी की ओर से पीडि़त को 3 हजार रूपए दिए जाएंगे। एक हैक्टेयर के लिए 3750 रुपए  प्रीमियम भरना होगा। जिस पर  75000 का मुआवजा मिलेगा। जिला में 1300 हैक्टेयर भूमि पर आलू की की खेती होती है। गौर रहे कि कांगड़ा-चंबा, कुल्लू, मंडी, शिमला और किन्नौर जिला में पहले से यह योजना चल रही है, जबकि बिलासपुर, हमीरपुर और सोलन में आलू का बीमा नहीं होता है। उधर, कृषि उपनिदेशक डॉ सुरेश कपूर ने कहा कि …

 मुकेश जसवाल, ऊना

खेत से पानी निकालने के लिए करें उचित प्रबंध

पिछले सप्ताह का मौसमः पिछले सप्ताह सभी जिलों में वर्षा रिकार्ड की र्गइ। दिन व रात का तापमान सामान्य से कम रहा। आने वाले पांच दिनों के मौसम का पूर्वानुमाने अगले पांच दिनों में मौसम परिवर्तनशील रहने व सभी जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। दिन व रात के तापमान में 1-2 डिग्री सेल्सियस की कमी होने की संभावना है। हवा दक्षिण-पश्चिम दिशा से 3 से 7 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलने तथा औसतन सापेक्षित आर्द्रता 40-9 5 प्रतिशत तक रहने की संभावना है।

सब्जी फसलों संबंधित कार्य:

खेतों में पानी के निकास का उचित प्रबंध करें। गले-सड़े फलों तथा पत्तों को निकालकर नष्ट कर दें। छिड़काव वर्षा के बाद ही करें। अगर अति आवश्यक है तो सप्रे स्टिककर का प्रयोग करें।

टमाटर में आजकल फल

छेदक तथा माईट का आक्रमण हो सकता है। माईट की रोक थाम के लिए फेन्जाक्वीन (मैजिस्टर 3.75 मिलीलीटर/15 लीटर पानी) का छिड़काव करें। फल छेदक की रोकथाम के लिए इंडोक्साकार्ब 14.5 ईसी (11 मिलीलीटर) या लैम्डा साइलोथ्रिन 5 ईसी (क्राटे 18.75 मिलीलीटर) का घोल 15 लीटर पानी में बनाकर छिड़काव करें।

-मोहिनी सूद-नौणी

फाइव स्टार होटलों को चाहिए नेरवा का टमाटर

जिस तरह से शिकारी को शहद की खुशबू जंगल तक ले आती है, उसी तरह पारखी कारोबारी क्वालिटी वाली फसल की तलाश में कहीं भी पहुंच जाता है। कुछ ऐसा ही नजारा है इन दिनों नेरवा की सब्जी मंडी में। इस बार इस सब्जी का दौरा किया, तो दो तरह के अच्छे पहलू देखने को मिले। पहला यह कि नेरवा के इलाके में पैदा टमाटर को पंजाब,  दिल्ली, यूपी, हरियाणा के कारोबारी हाथों हाथ खरीद रहे हैं। पूछने पर कारोबारियों ने बताया कि शाल्वी नदी के किनारे पैदा टमाटर की फाइव स्टार होटलों में खूब डिमांड रहती है। इसे स्लाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यही कारण है कि टमाटर का एक क्रेट हजार रुपए तक बिक रहा है। किसानों ने बताया कि वे पहले धान और मक्की की फसल उगाते थे,जिसमें कोई फायदा नहीं होता था, लेकिन अब उन्होंने टमाटर की खेती अपना ली है। मौजूदा समय में सेब के बाद टमाटर इस इलाके की प्रमुख फसल बन गई है।                                        – सुरेश सूद, नेरवा

महंगाई ने छीना किसान जनता का नूर

शहर में रविवार को लगने वाली किसान जनता मंडी में अधिक भीड़ देखने को नहीं मिली। सब्जियों के दाम अधिक होने के चलते मंडी में शाम तक भीड़ जुट नहीं पाई। हालांकि पिछली बार के मुकाबले इस बार लोगों को सस्ते दामों पर फल भी मिले है, लेकिन मटर इन दिनों अपना रंग दिखाने लग गया है। इसके चलते मंडी में मटर 100 रुपए प्रतिकिलो तक पहुंच गया है। वहीं अन्य सब्जियों के दाम 40 से 50 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब बेची गई। सब्जियों के दाम अधिक होने से शाम तक किसान जनता मंडी में इतनी चहल-पहल नहीं दिखी गई।

बागबानों की पेमेंट फंसने का सिलसिला जारी

सरकार चाहे कुछ भी कर ले, लेकिन बागबानों को चपत लगाने से आढ़ती बाज नहीं आ रहे। ताजा मामले में एक आढ़ती ने कोटखाई के बागबान बालानंद चंदेल के 11 लाख 39 हजार रुपए नहीं दिए हैं।  अपनी माटी से दुखड़ा सुनाने पहुंचे बागबान बालानंद चंदेल ने कहा कि वह कई बार आढ़ती से रुपए मांग चुका है, लेकिन हर बार टाल दिया जाता है। पीडि़त बागबान ने बताया कि उसने नारकंडा पुलिस थाने में भी गुहार लगाई थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। बालानंद  का आरोप है कि आढ़ती ने उसे पांच लाख के दो चैक दिए थे, लेकिन  वह भी बाउंस हो गया। अब उसे पुलिस, एपीएमसी से कार्रवाई की उम्मीद है। बहरहाल भले ही ठगी रोकने के लिए इस बार एसआईटी बनी हो, लेकिन  बागबानों को चपत लगाने से शातिर बाज नहीं आ रहे।

-वरिष्ठ संवाददाता, शिमला

 कृषि मंत्री रामलाल मार्केंडेय को अभी करें फोन

सेब सीजन के दौरान बागबानों को जालसाजों से बचाने के लिए सरकार ने कसरत शुरू कर दी है। किसी भी किसान या बागबान को कोई परेशानी हो और उनसे कहीं पर ठगी हो रही हो तो वह सीधे मंत्री के मोबाइल पर व्हाट्सएप कर सकते हैं। मंत्री जी खुद उसकी समस्या को सुलझाएंगे और ऐसे लोगों को मौके पर पकड़ा जाएगा। शिकायत के लिए कृषि मंत्री डा. राम लाल मारकण्डा का व्हाट्सएप नंबर 70184-66821 है। फ्लाइंग स्कवायड को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। लोग उनके नंबर पर मैसेज कर सकते हैं। बागबानों व किसानों के साथ किसी भी तरह से ठगी न हो इसके लिए गंभीरता से प्रयास होंगे। एपीएमसी को भी निर्देश दिए हैं।         

शकील कुरैशी, शिमला

माटी के लाल

रूपलाल ठाकुर

मिट्टी से सोना उगाकर 20 गुना बढ़ाई इनकम

सरकार कहती है कि बरस 2022 तक किसानों की इनकम डबल कर देगी, लेकिन इनकम दोगुनी कैसे होगी,यह फार्मूला किसी को नहीं पता। आपको ऐसे किसान परिवार से मिलाते हैं, जिसने कड़ी मेहनत के दम पर  दोगुना नहीं, बल्कि अपनी इनकम को 20 गुना बढ़ा लिया है। यह किसान परिवार सोलन जिला के पारनु इलाके का रहने वाला है। नाम है रूपलाल ठाकुर। रूपलाल कुछ साल पहले तक अपने तीन बीघा खेतों में सिर्फ धान और मक्की जैसी पारंपरिक फसलें उगाते थे। छह महीने में बड़ी मुश्किल से उनकी 12 हजार तक आय होती थी। यानी महीने के दो हजार। करीब दो साल पहले इन्होंने प्रदेश के प्रगतिशील किसानों से प्रेरणा पाकर सब्जी उगाने का फैसला किया। इसके बाद धान की जगह भिंडी, शिमला मिर्च, बैंगन, टमाटर, घिया, खीरा, फ्रांसबीन आदि कैश क्रॉप लगानी शुरू की। बेहतर रिस्पांस मिला। आज वह सारी जमीन पर सब्जी उगा रहे हैं। और छह माह की आय हो रही है ढाई लाख रुपए। अब उन्होंने घराट और चावल निकालने की मशीन भी लगा रखी है। रूपलाल को सिर्फ यही रंज है कि उनके इलाके में कोई सब्जी मंडी नहीं है।                               – केशव वशिष्ठ, दाड़लाघाट

किसान बागबानों के सवाल

  1. बरसात के मौसम में पशुशाला के पास ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल कर

सकते हैं?

            जब पशु पशुशाला के बाहर हों उस दौरान ब्लीचिंग पाउडर का पशुशाला में इस्तेमाल करें। क्योंकि इससे कीड़े-मकौड़े मर जाते हैं।                        लता, कांगड़ा

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