आरपी नेगी, शिमला
महंगा बिका टाइडमैन सेब
ढली फल मंडी में टाईडमैन सेब मगंलवार को 1500 रुपए प्रति बाक्स के हिसाब से बिका। फल मंडी में टाईडमैन सेब के दाम सामान्य बने हुए हैं। जबकि रैड जून सेब 300 से 600 रुपए के हिसाब से बिक रहा है।
आठ लाख पेटियां पहुंची मार्केट में
सेब सीजन से पहले जिला शिमला के बागबानों को 24 सड़कें दगा दे गईं। पिछले दो दिनों से हुई लगातार बारिश के चलते जिला शिमला की अधिकांश संपर्क मार्ग टूट गए हैं। संपर्क मार्ग के टूटने से ये अभी मुख्य मार्गों से नहीं जुड़ पाए हैं। ऐसे में जिला शिमला के बागबानों को चिंता सताने लगी है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक रोहडू़ जोन में आठ, रामपुर जोन में 10 सहित पूरे शिमला जिला में 24 सड़कें बंद हुई हैं। हालांकि रविवार को जिला शिमला में बारिश नहीं हुई, लेकिन बीते दो दिनों में हुई बारिश कहर बन कर बरस पड़ी, जिस कारण सड़कें बंद होने की नौबत आई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक रामपुर, रोहडू, कोटखाई, जुब्बल, रतनाडी सहित ठियोग के कुछ क्षेत्रों में संपर्क मार्ग बाधित हुए हैं।
-टेकचंद वर्मा, शिमला
इस सेब सीजन के दौरान सेब की बंपर फसल का अनुमान लगाया जा रहा है। मगर सेब में साईज न बनने से बागबान चिंतित दिख रहे हैं। बागबानों को खतरा सता रहा है कि अगर अगामी दिनों के दौरान सेब के आकार में वृद्वि नहीं होती है, तो उनको मेहनत का सही मोल नहीं मिल पाएगा। जिला शिमला में बारिश कम होने के चलते इसका असर सेब के आकार में देखने को मिल रहा है। जिला के कम व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब के दानों में रंग आना शुरू हो गया है। इन क्षेत्रों से 20 जुलाई तक सेब सीजन भी आरंभ हो जाएगा। हालांकि जिला शिमला में सेब की बंपर फसल है, लेकिन आकार न बढ़ने से बागबान खासे चिंतित दिख रहे हैं। कुमारसैन के बागबान चुनी लाल का कहना है कि इस साल सेब में साईज की कमी है। अगर यही आलम बना रहा तो बागबानों को फसल के उतने दाम नहीं मिल पाएंगे।
सेब का बाक्स 3800 में
-रोहित सेम्टा, ठियोग
ऊना में पहली बार आलू का बीमा
मुकेश जसवाल, ऊना
खेत से पानी निकालने के लिए करें उचित प्रबंध
सब्जी फसलों संबंधित कार्य:
खेतों में पानी के निकास का उचित प्रबंध करें। गले-सड़े फलों तथा पत्तों को निकालकर नष्ट कर दें। छिड़काव वर्षा के बाद ही करें। अगर अति आवश्यक है तो सप्रे स्टिककर का प्रयोग करें।
टमाटर में आजकल फल
छेदक तथा माईट का आक्रमण हो सकता है। माईट की रोक थाम के लिए फेन्जाक्वीन (मैजिस्टर 3.75 मिलीलीटर/15 लीटर पानी) का छिड़काव करें। फल छेदक की रोकथाम के लिए इंडोक्साकार्ब 14.5 ईसी (11 मिलीलीटर) या लैम्डा साइलोथ्रिन 5 ईसी (क्राटे 18.75 मिलीलीटर) का घोल 15 लीटर पानी में बनाकर छिड़काव करें।
-मोहिनी सूद-नौणी
फाइव स्टार होटलों को चाहिए नेरवा का टमाटर
महंगाई ने छीना किसान जनता का नूर
बागबानों की पेमेंट फंसने का सिलसिला जारी
-वरिष्ठ संवाददाता, शिमला
कृषि मंत्री रामलाल मार्केंडेय को अभी करें फोन
सेब सीजन के दौरान बागबानों को जालसाजों से बचाने के लिए सरकार ने कसरत शुरू कर दी है। किसी भी किसान या बागबान को कोई परेशानी हो और उनसे कहीं पर ठगी हो रही हो तो वह सीधे मंत्री के मोबाइल पर व्हाट्सएप कर सकते हैं। मंत्री जी खुद उसकी समस्या को सुलझाएंगे और ऐसे लोगों को मौके पर पकड़ा जाएगा। शिकायत के लिए कृषि मंत्री डा. राम लाल मारकण्डा का व्हाट्सएप नंबर 70184-66821 है। फ्लाइंग स्कवायड को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। लोग उनके नंबर पर मैसेज कर सकते हैं। बागबानों व किसानों के साथ किसी भी तरह से ठगी न हो इसके लिए गंभीरता से प्रयास होंगे। एपीएमसी को भी निर्देश दिए हैं।
शकील कुरैशी, शिमला
माटी के लाल
रूपलाल ठाकुर
मिट्टी से सोना उगाकर 20 गुना बढ़ाई इनकम
सरकार कहती है कि बरस 2022 तक किसानों की इनकम डबल कर देगी, लेकिन इनकम दोगुनी कैसे होगी,यह फार्मूला किसी को नहीं पता। आपको ऐसे किसान परिवार से मिलाते हैं, जिसने कड़ी मेहनत के दम पर दोगुना नहीं, बल्कि अपनी इनकम को 20 गुना बढ़ा लिया है। यह किसान परिवार सोलन जिला के पारनु इलाके का रहने वाला है। नाम है रूपलाल ठाकुर। रूपलाल कुछ साल पहले तक अपने तीन बीघा खेतों में सिर्फ धान और मक्की जैसी पारंपरिक फसलें उगाते थे। छह महीने में बड़ी मुश्किल से उनकी 12 हजार तक आय होती थी। यानी महीने के दो हजार। करीब दो साल पहले इन्होंने प्रदेश के प्रगतिशील किसानों से प्रेरणा पाकर सब्जी उगाने का फैसला किया। इसके बाद धान की जगह भिंडी, शिमला मिर्च, बैंगन, टमाटर, घिया, खीरा, फ्रांसबीन आदि कैश क्रॉप लगानी शुरू की। बेहतर रिस्पांस मिला। आज वह सारी जमीन पर सब्जी उगा रहे हैं। और छह माह की आय हो रही है ढाई लाख रुपए। अब उन्होंने घराट और चावल निकालने की मशीन भी लगा रखी है। रूपलाल को सिर्फ यही रंज है कि उनके इलाके में कोई सब्जी मंडी नहीं है। – केशव वशिष्ठ, दाड़लाघाट
किसान बागबानों के सवाल
- बरसात के मौसम में पशुशाला के पास ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल कर
सकते हैं?
जब पशु पशुशाला के बाहर हों उस दौरान ब्लीचिंग पाउडर का पशुशाला में इस्तेमाल करें। क्योंकि इससे कीड़े-मकौड़े मर जाते हैं। लता, कांगड़ा
हमें भेजें फोटो-वीडियो
आप हमें व्हाट्सऐप पर खेती-बागबानी से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी भेज सकते हैं। किसान-बागबानों के अलावा अगर आप पावर टिल्लर-वीडर विक्रेता हैं या फिर बीज विक्रेता हैं,तो हमसे किसी भी तरह की समस्या शेयर कर सकते हैं। आपके पास नर्सरी या बागीचा है,तो उससे जुड़ी हर सफलता या समस्या हमसे साझा करें। यही नहीं, कृषि विभाग और सरकार से किसी प्रश्ना का जवाब नहीं मिल रहा तो हमें नीचे दिए नंबरों पर मैसेज और फोन करके बताएं। आपकी हर बात को सरकार और लोगों तक पहुंचाया जाएगा। इससे सरकार को आपकी सफलताओं और समस्याओं को जानने का मौका मिलेगा।
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