20 घंटे बारिश से जलमग्न भुंतर-बजौरा

प्रचंड लहरों ने भगाए प्रवासी, बजौरा में फोरलेन के लिए बन रहा पुल चपेट में, नदी-नाले उफान पर

भुंतर –करीब 20 घंटे तक हुई लगातार भारी बारिश ने जिला कुल्लू के भुंतर-बजौरा सहित मणिकर्ण घाटी को जलमग्न कर दिया है। भुंतर में रातभर हुई बारिश के बाद यहां रह रहे प्रवासियों को खदेड़ दिया है। प्रशासन के कई निर्देशों के बाद भी दर्जनों प्रवासी यहां स्थित बैली ब्रिज के साथ लगते इलाके में डटे हुए थे और ब्यास की लहरेें इनके लिए खतरें की घंटी बजा रही थी। देर रात को हुई बारिश के बाद दर्जनों झुग्गियां जलमग्न हुईं और प्रवासी यहां से भागने को मजबूर हुए। ब्यास-पार्वती का पानी खतरे के निशान के पास पहुंच गया है। जानकारी के अनुसार बजौरा में एनएचएआई द्वारा फोरलेन के तहत ब्यास पर बनाए जा रहे पुल के पिल्लरों को भी चपेट में लिया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पिल्लर पूरी तरह से पानी में डूबे नजर आए और इनकी नींव पानी ने हिला दी है। ऐसे में अगर आने वाले दिनों में फिर से इस प्रकार का मंजर जारी रहा तो पिल्लर बह सकते हैं। बारिश के कारण एक दिन में ही जनजीवन पटरी से उतर गया है तो रविवार को सुबह हर तरफ पानी ही पानी नजर आया। पारला भुंतर में कांगड़ी नाला फिर से उफान पर दिखा और पानी लोगों के घरों व दुकानों में घुसा। कुछ दिनों पहले भी यहां पर उक्त नाला उफान पर आने से पानी दुकानों में घुसा था और इसके बाद प्रशसन को स्थिति को बहाल करने के लिए दो दिन लगे थे। अब फिर से बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ाई है। वहीं गड़सा में कई नदी नाले उफान पर आ गए हैं। भुंतर के अलावा पार्वती घाटी में भी बारिश ने बताही मचाई है। जानकारी के अनुसार मणिकर्ण में भी भारी बारिश से पार्वती के बढ़े जलस्तर ने यहां स्थित गुरूद्वारा के एक हिस्से के लिए खतरा पैदा कर दिया है। यहां पर पार्वती उफान पर नजर आई। लगातार बारिश के बाद जिला प्रशासन ने अलर्ट कर दिया है तो बारिश के बाद ब्यास-पार्वती की प्रचंड लहरों ने सरकार व प्रशासन के प्रबंधों की पोल भी खोली है। कुल्लू की उपायुक्त ऋचा वर्मा ने दरिया के किनारे किसी भी प्रकार की गतिविधि और आने जाने पर रोक लगाई है और निर्देशों को न मानने वालों पर कड़ी कार्रवाई के फरमान जारी किए है।