42 हजार शिक्षकों को स्पेशल ट्रेनिंग

एमएचआरडी की नेशनल टीम 350 स्टेट को-ऑर्डिनेटर को देगी प्रशिक्षण, अध्यापकों के कौशल में सुधार पर फोकस

शिमला – प्रदेश के सरकारी स्कूलों के 42 हजार शिक्षकों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। एमएचआरडी की नेशनल टीम  हिमाचल में स्टेट को-ऑर्डिनेटर को ट्रेनिंग देने के लिए आ रही है। इस दौरान राज्य के 350 स्टेट को-ऑर्डिनेटर को एमएचआरडी की टीम विशेष ट्रेनिंग देगी। इसमें एनसीईआरटी के सिलेबस पर छात्रों को कैसे पढ़ाया जाना चाहिए, इसके लिए नए पैरामीटर के बारे में बताया जाएगा। खास बात यह है कि मानव संसाधन मंत्रालय की निष्ठा योजना (नेशनल  इनीश्एिटिव ऑन स्कूल टीचर्स हेड हॉलिस्टिक एडवांसमेंट) के तहत देश के 42 लाख प्रारंभिक शिक्षकों को समान रूप में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण में शिक्षकों के कौशल में सुधार करने पर फोकस रहेगा। इस योजना के तहत प्रारंभिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए नेशनल रिसोर्स ग्रुप बनाए गए हैं, जो विभिन्न राज्यों में जाकर वहां के स्टेट रिसोर्स ग्रुप को पहले प्रशिक्षित करेंगे। इसके बाद राज्यों के ये रिसोर्स ग्रुप ब्लॉक स्तर पर जाकर प्रारंभिक शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे। सर्वशिक्षा अभियान के निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि निष्ठा योजना दिल्ली में 21 अगस्त को लांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत अक्तूबर में नेशनल रिसोर्स ग्रुप प्रदेश के चयन किए गए मास्टर ट्रेनर्ज को ट्रेंड करेंगी। गौर हो कि देश भर के शिक्षकों के लिए अब एक जैसी ट्रेनिंग होगी। यानी कि एनसीईआरटी के तहत ट्रेनिंग का पूरा शेड्यूल बदला गया है। समग्र शिक्षा के तहत प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों से वरिष्ठता और खास शिक्षकों की सूची से मास्टर ट्रेनर का दर्जा शिक्षकों को दिया गया है। हिमाचल से अब इन शिक्षकों को एमएचआरडी की टीम ट्रेनिंग देगी।  एनसीईआरटी की टीम के तहत मास्टर ट्रेनर्ज को ट्रेंड किया जाएगा। वहीं बदलते इस समय में छात्रों को पढ़ाने के तौर तरीकों में क्या बदलाव आया है, इस बारे में भी बताया जाएगा। पहली बार ही हिमाचल में पहली कक्षा से लेकर जमा दो तक एनसीईआरटी की किताबें लगाई गई हैं। यही वजह है कि एनसीईआरटी का सिलेबस कैसे पढ़ाया जाना है, इसके लिए मास्टर ट्रेनर को अक्तूबर में विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।

नहीं आने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई

इससे पहले प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को अलग-अलग तरह की ट्रेनिंग दी जाती थी। वहीं, ट्रेनिंग देने वाले शिक्षक भी हर बार बदलते रहते थे। अब टीचर एजुकेशन की गाइडलाइ को बदलते हुए केंद्र सरकार ने हमेशा के लिए मास्टर ट्रेनर्ज का एक ही ग्रुप बनाने का फैसला लिया है। बता दें कि हिमाचल में शिक्षक एजुकेशन को लेकर केंद्र की ओर से करोड़ों रुपए के बजट की बढ़ोतरी भी की है। वहीं केंद्र की नई टीचर एजुकेशन को लेकर जारी निर्देशों में साफ कहा गया है कि हर छह महीने में होने वाली ट्रेनिंग में शिक्षकों को आना पड़ेगा। जो इस ट्रेनिंग में नहीं आएंगे, उन पर नियमानुसार कार्रवाई के भी निर्देश हैं।