अखरोट के दाम 400 रुपए प्रतिकिलो
अच्छे रेट मिलने से उत्पादक खुश, खरीददार को करनी पड़ रही जेब ढीली
भुंतर –अश्विन संक्रांति के मौके पर मनाए जाने वाले सायर उत्सव पर बंटने वाले अखरोट का बजट कुल्लूवासियों की जेब पर भारी पड़ रहा है। भले ही मार्केट में उंचे दामों से अखरोट उत्पादकों की पौ-बारह हो रही हो, लेकिन पिछले कुछ सालों से अखरोट के दामों में हुए ईजाफे ने इसे आम लोगों की पहुंच से बाहर कर दिया है। लिहाजा अबकी बार भी इस फल की खरीददारी के लिए मार्केट में पहुंचने वाले ग्राहकों के लिए उत्सव अच्छा नहीं है। जिला भर के कारोबारियों ने मार्केट में अखरोट की खेप तो पहुंचा दी है, लेकिन इसके भारी भरकम दाम के कारण लोगों को पहले की बजाए ज्यादा जेब इस बार ढीली करनी पड़ रही है। हालांकि अखरोट उत्पादकों को उंचे दाम मालामाल कर रहे हैं और उनकी खूब कमाई हो रही है। सोमवार को भुंतर में अखरोट खरीदे। इसके अलावा पूरी रूपी-पार्वती घाटी के बाजारों में कारोबारियों ने अखरोट की फसल को एकाएक मार्केट में उतारा। हालांकि इस बार मौसम में ठंडक के कारण अखरोट अधिकतर ईलाकों में तैयार नहीं हुआ है। केवल निचले ईलाकों में ही फसल अभी तक पूरी तरह से तैयार हुई है। इसी का फायदा उठाकर कारोबारी उंचे दामों पर अखरोट को बेच रहे हैं। उंचे दामो के चलते अखरोट विक्रेताओं ने अच्छी कमाई की तो उपभोक्ताओं को कुछ परेशानी जरूर हुई और दिन भर मोलभाव करते रहे। बाजार में इस बार 250 से 400 रुपए प्रति किलो तक अखरोट उपलब्ध हो रहा है। जानकारों की मानें, तो पिछले साल 200 से 250 तक अखरोट के दाम रहे थे और इस बार इसमें बहुत ज्यादा ईजाफा माना जा रहा है। लोगों के अनुसार मंहगाई के कारण उन्हे बजट को ध्यान में रख कम ही अखरोट खरीदकर गुजारा करना पड़ रहा है। घाटी के अखरोट कारोबारियों योगेंद्र सिंह, केहर सिंह ने बताया कि इस बार देरी से हुई है, जबकि डिमांड बहुत ज्यादा है। उनके अनुसार दूर-दराज से बाजार तक पूरी फसल को पहुंचाने का खर्चा भी बढ़ गया है, जिसके कारण दामों में ईजाफा हुआ है।