अब दो महीने में पेश करना होगा चालान
शिमला – रेप और पोक्सो प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ओफेंस एक्ट मामले में दंड प्रक्रिया सहिंता (सीआरपीसी)में संशोधन किया गया है। सीआरपीसी में संशोधन के बाद अब रेप और पोक्सो एक्ट के मामलों में पुलिस को दो माह के अंदर अदालत में चालान पेश करना पड़ेगा। पहले इन मामलों में अदालत में चालान दायर करने के लिए तीन माह का समय होता था, लेकिन अब पुलिस को हर हाल में दो माह के भीतर ही अदालत में चालान दायर करना पड़ेगा। रेप और पोक्सो एक्ट मामले में दंड प्रक्रिया संहिता में किया गया संशोधन पुलिस के गले की फांस बन गया है, क्योंकि ऐसे मामलों में पुलिस फोरेंसिक लैब से आने वाली रिपोर्ट पर निर्भर रहती है। पुलिस के पास अपनी फोंरेसिंक लैब नही है। पुलिस को ऐसे मामलों की जांच के लिए जुन्गा फोरेंसिक लैब पर निर्भर रहना पड़ता है। वहां से समय पर रिपोर्ट नहीं आती, जिस कारण पुलिस अदालत में समय पर चालान दायर नहीं कर पाती। सीआरपीसी में संशोधन के बाद पुलिस को रेप और पोक्सोे एक्ट मामले में अदालत में चालान दायर करने को लेकर दिक्कतें आ रही हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अब इस मामले में दो माह में ही अदालत में चालान पेश किया जाएगा, चाहे पुलिस को फिर से उसी मामले में अदालत में अनुपूरक चालान क्यों न पेश करना पड़े। पोक्सोे एक्ट मामले में दंड प्रक्रिया संहिता में संशोधन के बाद अब पुलिस ऐसे मामलो की प्राथमिकता के आधार पर जांच कर रही है ,ताकि सही समय पर अदालत में चालान पेश किया जा सके ।
आरोपी की वीडियोग्राफी भी करवाएगी पुलिस
पुलिस अब बयान में आरोपी और गवाहों की विडियोग्राफी करेगी। पुलिस द्वारा मौके पर की गई गवाहो की वीडियोग्राफी को अदालत में सबूत के तौर पर पेश करेगी। खासकर एनडीपीएस एक्ट के तहत गवाहों की वीडियोग्राफी की जाएगी।
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