आयुर्वेद अस्पतालों में ब्लड बैंक नहीं

By: Sep 11th, 2019 12:01 am

एक साल से एलोपैथी डाक्टर न मिलने से लटका प्रोजेक्ट

शिमला  – प्रदेश के आयुर्वेद अस्पतालों में ब्लड बैंक खोलने का प्रोजेक्ट फेल होकर रह गया है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार को यह प्रस्ताव पिछले वर्ष सौंपा गया था, लेकिन प्रस्ताव ही ठंडे बस्ते में चला गया। न तो प्रदेश सरकार की ओर से इस प्रस्ताव पर गंभीरता जाहिर की गई और न ही आयुर्वेद विभाग आयुष के माध्यम से इस ओर अपने प्रस्ताव में तेजी दिखा पाया। प्रदेश में ब्लड बैंक की स्थिति पर गौर करें तो प्रदेश के एक भी आयुर्वेद अस्पताल में ब्लड बैंक नहीं हैं। कारण यह है कि आयुर्वेद विभाग को ब्लड बैंक को शुरू करने के लिए एक एमबीबीएस डाक्टर का होना जरूरी रहता है, लेकिन अभी तक आयुर्वेद विभाग को एक भी एलोपैथी डाक्टर ब्ल्ड बैंक चलाने के लिए नहीं मिल पाया है। हालांकि इसको लेकर विभाग द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं कि कम से कम पपरोला आयुर्वेद कालेज में ब्लड बैंक की सुविधा शुरू हो जाए, लेकिन यहां भी एलोपैथी डाक्टर नहीं मिल पा रहा है। गौर हो कि दो वर्ष पहले पपरोला मेडिकल कालेज की आरकेएस की बैठक में भी यह कदम उठाया गया था कि कालेज में ब्लड बैंक की सुविधा होनी चाहिए, लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हो पाया है। फिलहाल यह अहम प्रोजेक्ट फाइलों में ही कैद हो कर रह गया है। गौर हो कि राज्य में करीब 16 ब्लड बैंक हैं। वहीं, आईजीएसमी में प्रतिदिन 150 से ज्यादा ब्लड की खपत रहती है। बताया जा रहा है कि जब आयुर्वेद अस्पताल में मरीज़ को यदि खून की आवश्यक्ता होती है तो उसे एलोपैथी अस्पताल जाना पड़ता है। आयुर्वेद अस्पतालों में से यदि आयुर्वेद कालेज में भी यदि ब्लड बैंक की सुविधा मिलती है तो आयुर्वेद इलाज में ये काफी लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। देखा जाए तो प्रदेश में मात्र अभी एक ही आयुर्वेद कालेज है। वहीं, अब एम्स नहीं खुलने का झटका लग गया है। यदि ब्लड बैंक के लिए एलौपैथी डाक्टर की सुविधा नहीं मिली तो ये आयुर्वेद विस्तार के सामने दिक्कत पैदा कर सकता है।


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