आवारा पशुओं से भड़ोलीकलां तंग

मक्की की फसल की बर्बादी होने पर किसान परेशान, मुख्यमंत्री और विधायक से लगाई मदद की गुहार

झंडूता-पिछड़ा क्षेत्र कोटधार की  ग्राम पंचायत भड़ोलीकलां में बढ़ रही आवारा पशुओं की तादाद से किसानों की दिक्कतें दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। इसके चलते अब किसानों ने खेती छोड़ने का मन मना लिया है। गौरतलब है कि पिछड़ा क्षेत्र भड़ोलीकलां पंचायत के किसानों ने इस बार वैज्ञानिक तरीके  के अनुसार फुट बाई फुट के फासले पर मक्की की बिजाई की थी। किसानों का कहना है कि मक्की की बिजाई के समय अच्छी नमी होने के कारण फसल अच्छी होने की उम्मीद थी, लेकिन आवारा पशुओं ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। किसानों का कहना है कि उन्होंने बाजार से महंगे दामों पर बीज व खाद खरीद कर बिजाई की थी और उन्हें उम्मीद थी कि इस बार अच्छी फसल होगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। उनका कहना है कि आवारा पशुओं ने उनकी फसलों को इस कदर बर्बाद किया है, जिसके चलते अब पशुओं के लिए चारे की समस्या भी सताने लगी है। भड़ोलीकलां पंचायत के उपप्रधान ओंकार मन्हास, प्रताप सिंह, भाग सिंह, सुनील कुमार, करतार सिंह, अनिल कुमार, बलदेव, नंदलाल, जगदेव ढटवालिया, सूरम सिंह व महेंद्र सिंह, सहित अन्य किसानों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कलोल के दौरे पर आए थे तो क्षेत्र के किसानों ने उन्हें अपनी समस्या से अवगत करवाया था, तो उन्होंने तत्काल इस पंचायत में गोशाला बनाने का आश्वासन दिया था। उसके पश्चात क्षेत्र के किसानों ने सात विद्या जमीन भी दी, वहीं उसके बाद पांच बीद्या सरकारी जमीन उपलब्ध कराई पर उसके पश्चात कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। किसानों ने बताया कि तत्कालीन विधायक जीतराम कटवाल से भी इस समस्या से अवगत करवाया, लेकिन आश्वासनों के सिवा कुछ नहीं मिला है। किसानों का कहना है कि सरकारें आए दिन यह कहती नहीं थकती कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुणा हो जाएगी। मगर किसानों का कहना है कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुणा तो दूर की बात,  बल्कि 2022 वर्ष तक किसान खेती से कोसों दूर होंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व स्थानीय विधायक जीतराम कटवाल से मांग की है कि आवारा पशुओं की समस्या निजात दिलाई जाए। अन्यथा जब मुख्यमंत्री इस क्षेत्र में आएंगे तो उनका घेराव किया जाएगा।