इंजीनियर एचएल शर्मा को ‘दिव्य हिमाचल’ का सम्मान

गगरेट –जालंधर-मंडी नेशनल हाई-वे पर एक साथ नौ पुलों की डीपीआर केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से स्वीकृत करवाकर ब्रिज मैन के नाम से याति पाने वाले लोक निर्माण विभाग के भरवाईं मंडल में तैनात अधिशाषी अभियंता एचएल शर्मा की कर्मठ कार्यशैली पर मुहर लगाते हुए उन्हें ‘दिव्य हिमाचल’ द्वारा इंजीनियर्स डे पर शिमला के पीटर हाफ में आयोजित सेमिनार में एक्सीलेंस इन इंजीनियरिंग अवार्ड से नवाजा गया है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने उन्हें शाल, टोपी व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। अधिशाषी अभियंता एचएल शर्मा ने हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग में वर्ष 2000 में बतौर सहायक अभियंता अपना सफर शुरू किया था। काम के प्रति लगन व ईमानदारी के चलते एचएल शर्मा ने लोक निर्माण विभाग के बेहतरीन इंजीनियरों में अपना नाम शामिल किया था। जिला में वह इससे पहले लोक निर्माण विभाग के उपमंडल जोल व गगरेट में बतौर सहायक अभियंता सेवाएं देने के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग विंग के अंब उपमंडल में भी सेवाएं दे चुके हैं। उनकी बेहतरीन कार्यप्रणाली के चलते आज भी लोग उन्हें याद करते हैं। लोक निर्माण विभाग में सहायक अभियंता रहते उन्होंने जोल व गगरेट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों का जाल बिछाने का काम किया। जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग विंग में बतौर सहायक अभियंता व अधिशाषी अभियंता रहते हुए उन्होंने 99 करोड़ रुपए की लागत से जालंधर-मंडी नेशनल हाई-वे को मखमली सड़क में बदलने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की। राष्ट्रीय राजमार्ग विंग में रहते हुए उन्होंने करीब अढ़ाई सौ करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाएं केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय से स्वीकृत करवाईं। जबकि इसी सड़क मार्ग पर एक साथ नौ पुलों की डीपीआर तैयार करवाकर वह चर्चा में आए थे। लोक निर्माण विभाग के भरवाईं मंडल में रहते हुए वह एक साल में करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए की परियोजनाएं स्वीकृत करवा चुके हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ द्वारा विभिन्न स्तरों पर उनकी कार्यशैली परखने के बाद उन्हें एक्सीलेंस इन इंजीनियरिंग खिताब से नवाजा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी कर्मठ व ईमानदार अधिकारी के कार्य की सराहना की है।