इंडियन टेक्नोमैक कंपनी की नीलामी में नहीं पहुंचे खरीददार

By: Sep 21st, 2019 12:20 am

 छह हजार करोड़ के घोटाले की संपत्ति का रखा गया था 303.91 करोड़ का रिजर्व प्राइज

नाहन -प्रदेश व केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों को करीब छह हजार करोड़ के राजस्व का चूना लगाने वाली बहुचर्चित इंडियन टेक्नोमैक कंपनी की संपत्ति की नीलामी को आखिरकार कोई खरीददार नहीं मिला। नीलामी प्रक्रिया में बोलीदाता द्वारा रुचि न लिए जाने के कारण नीलामी प्रक्रिया को आगामी आदेश तक रद्द कर दिया गया है। विभिन्न विभागों को करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाली जिला सिरमौर के पांवटा साहिब के जगतपुर स्थित इंडियन टेक्नोमेक कंपनी के संपत्ति की नीलामी की राशि 303.91 करोड़ रुपए रखी गई थी। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के बाद नीलामी प्रक्रिया एक उच्च स्तरीय कमेटी की मौजूदगी में नाहन में अमल में लाई गई, परंतु बोली लगाने के लिए मौके पर बोलीदाता नहीं पहुंचे। मात्र दो से तीन व्यक्तियों के टैंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेने के कारण यह नीलामी प्रक्रिया आगामी आदेश तक स्थगित कर दी  गई। बताया जा रहा है इस प्रक्रिया के लिए करीब आधा दर्जन पांवटा साहिब व अन्य क्षेत्रों के व्यापारियों ने टेंडर फार्म खरीदे थे, परंतु लोहे के सामान की कीमत अधिक होने के कारण व्यापारियों ने टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया। नीलामी में करीब 11 विभागों के प्रतिनिधि पहुंचे हुए थे। नीलामी के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा पूरी प्रक्रिया व प्रबंध किए गए थे। बकायदा मौके पर उद्योग के नीलाम होने वाले सामान को भी दिखाया गया था। जानकारी के मुताबिक इंडियन टेक्नोमैक कंपनी के कैंपस में करीब अढ़ाई दर्जन व्यापारी मौके का जायजा लेने पहुंचे थे, परंतु तब भी दाम अधिक होने की बात कही गई थी। गौर हो कि इंडियन टेक्नोमैक कंपनी में वर्ष 2014 में आबकारी एवं कराधान विभाग की टीम ने घोटाले का खुलासा किया था। मार्च, 2014 में कंपनी को कर चोरी के मामले में सीज कर दिया गया था। इस मामले में अभी तक 19 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने वाले व्यापारियों का तर्क था कि क्योंकि यह उद्योग पांच सालों से बंद पड़ा है ऐसे में अधिकतर मशीनें जंग खा चुकी हैं। जानकारी के मुताबिक प्रदेश उच्च न्यायालय ने टैंडर प्रक्रिया की पूरी कार्रवाई न्यायालय में सौंपने के आदेश भी विभाग को दिए हैं। इंडियन टेक्नोमैक कंपनी की संपत्ति की नीलामी के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग के सहायक आयुक्त सिरमौर जीडी ठाकुर की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी। कमेटी में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी, ईपीएफ विभाग, लिक्वीडेटर, विभिन्न बैंकों के अधिकारी भी मौजूद थे। जानकारी के मुताबिक बोली प्रक्रिया चार भागों में करवाई गई, परंतु बोली में कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं हुआ। विभाग द्वारा कंपनी की संपत्ति की नीलामी की निम्न राशि 303.91 करोड़ रुपए तय की गई थी। इसके अलावा कंपनी की जमीन की बोली का रिजर्व मूल्य 56.21 करोड़ रुपए, भवन, शैड्, प्लांट व मशीनरी की बोली के लिए 247.70 करोड़ रुपए का रिजर्व प्राइज रखा गया था। टैंडर प्रक्रिया में तीनों चरण में किसी भी व्यक्ति ने बोली में भाग नहीं लिया, जिसके चलते चौथे चरण की प्रक्रिया की बोली नहीं लगाई गई। गौर हो कि इंडियन टेक्नोमैक कंपनी द्वारा विभिन्न विभागों को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया है। कंपनी के प्रबंध निदेशक राकेश शर्मा को अदालत पहले ही भगौड़ा घोषित कर चुकी है। उधर, मामले की पुष्टि करते हुए आबकारी एवं कराधान विभाग के डिप्टी कमीश्नर जीडी ठाकुर ने बताया कि इंडियन टेक्नोमैक कंपनी की संपत्ति की नीलामी प्रक्रिया में खरीददार नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया की पूरी रिपोर्ट प्रदेश उच्च न्यायालय को सौंपी जाएगी तथा न्यायालय के आगामी आदेश के बाद अगली प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। हिमाचल प्रदेश में इंडियन टेक्नोमैक कंपनी का सबसे बड़ा घोटाला बताया जा रहा है। अब तक करीब छह हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आकलन किया जा चुका है। इसमें करीब 2100 करोड़ रुपए आबकारी एवं कराधान विभाग के, 2500 करोड़ रुपए की राशि बैंकों की, बिजली बोर्ड के करीब पांच करोड़ के अलावा आयकर विभाग के 750 करोड़ के अलावा श्रम एवं ईपीएफ विभाग के करीब 10 करोड़ रुपए की राशि शामिल है।


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