उद्योग हित में घोषणाओं से सीआईआई खुश

अध्यक्ष विक्रम ने वित्त मंत्री की घोषणाओं का किया स्वागत,कारपोरेट टैक्स को 30 से 22 फीसदी करने का फैसला सही करार

बीबीएन -भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने वित्त मंत्री की उद्योग हित में की गई घोषणाओं पर प्रसन्नता जाहिर की है। सीआईआई के अध्यक्ष विक्रम किरलोस्कर ने कहा कि वित्त मंत्री का मेगा कार्पोरेट टैक्स प्रोत्साहन निवेशकों की भावनाओं को बढ़ावा देने, कार्पोरेट टैक्स में कटौती, विनिर्माण को प्रोत्साहित करने और अर्थव्यवस्था में एनिमल स्पिरिट को जागृत करने का प्रमुख कदम है। उन्होंने कहा कि बिना किसी छूट के कार्पोरेट टैक्स को 30 प्रतिशत से 22 प्रतिशत करना बहुत अच्छा निर्णय है क्योंकि उद्योगों की यह लंबे समय से मांग रही है। सरकार का निर्णय एक अभूतपूर्व और साहसिक कदम है। सीआईआई माननीय वित्त मंत्री का आभारी है कि वह उद्योग के सुझावों के लिए इतने ग्रहणशील और ओपन हैं। इस कदम ने उद्योग में सकारात्मक स्पिरिट को और बढ़ा दिया है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए एक निडर ट्रैक पर है कि भारत बाकी दुनिया के साथ कर दरों पर उतना ही प्रतिस्पर्धी हो जाए। यह भी इंगित करता है कि सरकार अर्थव्यवस्था की रिकवरी प्रक्रिया में मदद करने के लिए मार्ग के रूप में बढ़े कर का उपयोग करने के स्थान पर कर प्रोत्साहन का मार्ग को अपना रही है। त्योहारी सीजन से ठीक पहले इससे बेहतर खबर नहीं हो सकती थी क्योंकि अब पूरे क्षेत्र को जश्न मनाने का मौका मिला है। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि उद्योगों की लंबे समय से मांग रही थी कि कार्पोरेट टैक्स में कटौती की जाए क्योंकि टैक्स की ऊंची दरों के कारण भारतीय उद्योग अपने प्रतिद्वंदियों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहे थे। कार्पोरेट टैक्स को कम कर 22 प्रतिशत लेकर आना, मैट को घटाकर 15 प्रतिशत करना तथा नई कंपनियों पर 15 प्रतिशत टैक्स लगाने का निर्णय बेहद सकारात्मक होगा और इससे कंपनियों की लागत घटेगी। उन्होंने कहा कि बिना घाटे की परवाह किए इस प्रकार का निर्णय लेने के लिए सीआईआई वित्त मंत्री की सराहना करता है क्योंकि टैक्स रेट कम करने से रिवेन्यू खुद ब खुद बढ़ेगा और कलेक्शन रेट में भी वृद्घि होगी। सीआईआई को उम्मीद है कि यह वास्तव में उद्योग की एनिमल स्पिरिट को पुनर्जीवित करेगा और बाद के बजाय अभी आर्थिक गतिविधि को तेज करेगा।

पुरानी पेंशन बहाल करने को उठाई मांग

खरवाड़ा ने कहा कि वर्ष 2003 के बाद नियुक्त किए गए कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन की सुविधा बहाल की जाए तथा आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति बनाकर उन्हें बोर्ड में समायोजित किया जाए। उन्होंने कहा कि यूनियन का 16वां महाअधिवेशन 28 व 29 सितंबर को हमीरपुर में होगा। उसमें कर्मचारियों से संबंधित सभी मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाएगा। उन्होंने कर्मचारियों का आह्वान किया कि राज्य स्तरीय अधिवेशन में बढ़-चढ़कर भाग लें। इस अवसर पर विद्युत बोर्ड एम्लाइज यूनियन के उपाध्यक्ष भगवान दास, सुधीर चौहान, पांवटा इकाई के प्रधान सुनील कुमार, गिरिनगर इकाई के प्रधान हंसराज, सचिव जगदीश चंद, नाहन यूनिट के प्रधान हुकम चंद राणा, ददाहू यूनिट के प्रधान बालकृष्ण, राजवंत कौर आदि यूनियन के दर्जनों कर्मचारी व नेता उपस्थित थे।