एसबीआई होम लोन पहली अक्तूबर से सस्ता

एमएसएमई-वाहन और खुदरा ऋण पर भी राहत देगा देश का सबसे बड़ा बैंक

नई दिल्ली – देश के सबसे बड़े वाणिज्यक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने पहली अक्तूबर से अपने एमएसएमई, आवास , वाहन तथा खुदरा ऋण की ब्याज दरों को रेपो दर से जोड़ने की घोषणा की है, जिससे ये ऋण सस्ते हो जाएंगे। बैंक ने सोमवार को घोषणा की कि वह अपने सभी तरह की फ्लोटिंग ब्याज दरों वाले ऋण को बाह्य बेंचमार्क रेपो दर से जोड़ रहा है। रिजर्व बैंक ने चार सितंबर को सभी बैंकों से एक निर्देश जारी कर कहा था कि वे सभी फ्लोटिंग ब्याज दरों वाले कर्ज को बाह्य बेंचमार्कों से जोड़ें। एसबीआई ने कहा कि सभी फ्लोटिंग ब्याज दर वाले ऋण के लिए रेपो दर को अपनाया गया है। नई दरें पहली अक्तूबर से प्रभावी हो जाएंगी। स्टेट बैंक रेपो रेट आधारित ऋण देने वाला पहला बैंक था। बैंक ने पहली जुलाई से इसकी शुरुआत की थी। इसका फायदा केवल नए ग्राहकों को मिल रहा था। हालांकि, कुछ दिनों पहले बैंक ने यह व्यवस्था वापस ले ली थी।

आरबीआई भी देगा तोहफा

सिंगापुर – सिंगापुर के डीबीएस बैंक का अनुमान है कि भारतीय रिजर्व बैंक अक्तूबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में मामूली कटौती कर सकता है। बैंक की अर्थशास्त्री राधिका राव ने सोमवार को भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपनी टिप्पणी में लिखा कि अभी जो वित्तीय प्रोत्साहन दिया गया है वह निवेश बढ़ाने पर केंद्रित है उपभोग बढ़ाने पर नहीं। ऐसे में इसका मुद्रास्फीतिक प्रभाव नहीं होगा। हमारा मानना है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) अक्तूबर में नीतिगत दरों में मामूली कटौती करेगी। राधिका राव ने भारत सरकार द्वारा कॉरपोरेट कर में कटौती को लेकर कहा कि रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कमजोर मुद्रास्फीति और उत्पादन में गिरावट के मद्देनजर ‘शांतिवादी’ रुख कायम रखने का संकेत दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 सितंबर को घरेलू कंपनियों के लिए मूल कारपोरेट कर की दर को 30 से घटाकर 22 प्रतिशत करने की घोषणा की। घरेलू कंपनियों पर प्रभावी दर 34.94 प्रतिशत से घटकर 25.17 प्रतिशत पर आ जाएगी। इसमें अधिभार और उपकर भी शामिल है।