ऐन्यरिज्म से जान को खतरा

By: Sep 13th, 2019 12:06 am

शरीर के अन्य हिस्सों तक खून पहुंचाने वाली धमनियों के बंद होने पर होती है बीमारी

हमारे शरीर में हृदय से शरीर के अन्य हिस्सों तक खून पहुंचाने वाली नलियों का काम धमनियां (आर्टरीज) करती हैं। ऐन्यरिज्म वह स्थिति होती है, जिसमें धमनी की दीवार कमजोर हो जाती है और ज्यादा दबाव से वह गुब्बारे की तरह फूल जाती है। जब ऐसा ब्रेन (दिमाग या मस्तिष्क) की किसी धमनी में होता है तो ब्रेन ऐन्यरिज्म कहलाता है। कई बार यह दबाव इतना अधिक हो जाता हैं कि धमनी फट जाती हैं और खून बाहर निकलने लगता है।

ब्रेन स्ट्रोक का खतरा

दुनियाभर में 100 में से हर तीन को यह बीमारी होती है। यानी उसके दिमाग में भीतर कहीं न कहीं आंतरिक रक्त स्राव (खून बहना) होता रहा है। ब्रेन के पिछले हिस्से में ऐन्यरिज्म के कारण धमनियों के फटने की आशंका ज्यादा रहती है, बजाए कि ब्रेन के आगे के हिस्से में। ऐन्यरिज्म के अधिकांश मामले सीटी स्कैन, एमआरआई या अन्य टेस्ट करवाते समय पता चलते हैं। ब्रेन में किसी धमनी के इस तरह फटने से ब्रेन स्ट्रोक या हेमरेज होता है।

कई दिग्गज हो चुके शिकार

दुनिया की कई जानी-मानी हस्तियां इससे जूझ चुकी हैं, जिनमें अमरीकन एक्ट्रेस शेरॉन स्टोन और कनाडियन सिंगर तथा सॉन्ग राइटर नील यंग शामिल हैं। मार्च 2019 में एक्टर एमिलिया क्लार्क ने खुलासा किया था कि शो के शुरुआती सीजन की शुटिंग के दौरान उन्हें दो बार ब्रेन में खून के बहने का सामना करना पड़ा।

लक्षणः  ब्रेन में अतिरिक्त दवाब पड़ने पर ही लगातार हो रहे ऐन्यरिज्म का पता चल पाता है। इस स्थिति में निम्न लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे, धुंधला नजर आना, आंखों पर दर्द, सिरदर्द, चेहरे पर दर्द और बोलने में दिक्कत आना। ऐन्यरिज्म के कारण धमनी फटने पर तेजी से सिरदर्द होता है। गर्दन अकड़ जाती है और बेहोशी आती है। आमतौर पर ऐन्यरिज्म के लक्ष्ण आसानी से पहचान में नहीं आते हैं।

इलाज के सीमित विकल्प

ऐन्यरिज्म के इलाज के सीमित विकल्प मौजूद हैं। एंडोवस्कुलर कोइलिंग एक तरीका है। इसमें खोपड़ी खोलकर सर्जरी करने के बजाए एक कोइल को धमनी के जरिए ब्लड में भेजा जाता है और उस ऐन्यरिज्म पर लगाया जाता है जहां से रक्त बह रहा है। दूसरा सर्जिकल क्लिपिंग है। इसमें खोपड़ी खोलकर ऐन्यरिज्म के स्थान पर जाते हैं और खून का बहना रोका जाता है। तीसरा डाइवर्टर्स का उपयोग है, जिनकी मदद से धमकी को फटने से बचाया जाता है।


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