ऐसे औद्योगिक राज्य बनेगा हिमाचल
सरकार के पॉजीटिव रिस्पांस से उद्योगपति खुश, पर कुछ दिक्कतें दूर करनी होंगी
शिमला में मिनी कॉन्क्लेव के दौरान सिटी सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल कांगड़ा की ओर से साइन हुआ 50 करोड़ का एमओयू। इस अवसर पर सीएम जयराम ठाकुर भी उपस्थित रहे
शिमला – प्रदेश में निवेशकों का इन्वेस्टमेंट के लिए पूरा मूड है। यह इसी बात से साबित होता है कि सरकार द्वारा किए जा रहे मिनी कॉन्क्लेव के आयोजन में निवेशकों का काफी ज्यादा रुझान दिखा। उनकी संख्या से यह साफ है कि निवेशक यहां आना चाहते हैं, लेकिन उनकी कुछ समस्याएं और शंकाएं भी हैं, जिन्हें सरकार दूर करे तो यहां पर उद्योग क्षेत्र तेजी के साथ विकसित होगा। कॉन्क्लेव में पहुंचे निवेशकों से हिमाचल में निवेश की संभावनाओं को लेकर ‘दिव्य हिमाचल’ ने बातचीत की…
टे्रंड युवाओं की जरूरत पूरी हो
कालाअंब की फैक्टरी आर्ट एंड ग्लास के मालिक कर्नल शैलेष पाठक यहां नर्सरी और हॉर्टीकल्चर में निवेश को आगे बढ़ा रहे हैं। उनका कहना है कि इस क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं काफी ज्यादा हैं। यहां बागबानों को अच्छे प्लांट मिलें और बागबनों की रिक्वायरमेंट पूरी हो, जो कि नहीं हो रही है, उसके लिए वह प्रयास करना चाहते हैं। यहां पर स्किल्ड लेबर के लिए सरकार को प्रयास करने होंगे, क्योंकि शिक्षा तो है, मगर यहां के युवाओं में कौशल की कमी है। युवाओं को पहले ट्रेंड करना पड़ता है, जिस पर काफी खर्च होता है।
सबसिडी बढ़ानी होगी
कोलकाता से आए एसएल सेठी का कहना है कि उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में पहले भी निवेश किया है और नए प्रोजेक्ट भी वह चाहते हैं। यहां पर परियोजनाओं की बिजली की इवैक्यूएशन की दिक्कत है। प्रदेश में हाइड्रो का स्कोप काफी ज्यादा है, जो सरकार की आर्थिकी को बदल सकता है। यहां पर टैरिफ को बढ़ाना जरूरी होगा, वहीं सबसिडी में भी बढ़ोतरी करनी होगी। सरकार इसके लिए कदम उठाए।
लंबे समय के लिए चाहिए रियायतें
एशियन सीमेंट के मालिक हरीश अग्रवाल का कहना है कि सरकार यहां पर उद्योगपतियों को रियायतें दे रही है, लेकिन यह रियायतें कुछ समय के लिए होती हैं। ऐसी दूसरे राज्य भी देते हैं। निवेशक को रियायतें चाहिएं, लेकिन शॉर्ट टाइम नहीं बल्कि लांग टाइम। इसके लिए सरकार को सोचना चाहिए। हिमाचल ने जमीन की खरीद को आसान बनाया है, वहीं उद्योगों के लिए नई नीति तैयार की है, साथ ही सेल टैक्स व दूसरी रियायतें दी हैं, जो बेहतरीन हैं। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को सस्टेन करने की जरूरत है, जिस पर सरकार प्रयास करे, तो यहां एमएसएमई सेक्टर में बड़ा निवेश होगा। हॉर्टीकल्चर व टूरिज्म सैक्टर में बड़े निवेश की व्यापक संभावनाएं हैं।
व्यापार में सुगमता पर जोर
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्धाज ने कहा कि सरकार व्यापार में सुगमता पर विशेष बल दे रही है। उन्होंने कहा कि देव भूमि हिमाचल का शांत वातावरण निवेश के लिए लोकप्रिय गन्तव्य बनाता है। प्रदेश में अनेक ख्याति प्राप्त शैक्षणिक संस्थान हैं जो इसे देश का ‘एजुकेशन हब’ बनाता है। प्रदेश सरकार ने राज्य में निवेश के इच्छुक सम्भावित निवेशको के लिए विभिन्न प्रोत्साहनों की घोषणा की है।
आवास एवं शहरी विकास में निवेश की व्यापक संभावनाएं
शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर मीट का संकल्प मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के दूरदर्शी नेतृत्व में लिया गया है, जिसका लक्ष्य प्रदेश में 85000 करोड़ का निवेश आकर्षित करना है। उन्होंने कहा कि आवास और शहरी विकास क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं हैं।
नई पर्यटन नीति बनाई
मुख्य सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी ने इस अवसर पर इन्वेस्टमेंट ऑपरच्यूनिटीज इन टूरिज्म एंड हाउसिंग सेक्टर पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि हर वर्ष दो करोड़ पर्यटक प्रदेश में भ्रमण के लिए आते हैं। पर्यटन क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं उपलब्ध हैं। पर्यटन में निवेश के लिए नई पर्यटन नीति-2019 बनाई गई है।
धर्मशाला का न्योता
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू ने उद्यमियों को धर्मशाला में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के लिए राज्य सरकार की ओर से आमंत्रित किया। निदेशक उद्योग हंसराज शर्मा ने निवेश करने के विभिन्न कारणों के संबंध में जानकारी दी।
जेसी शर्मा की प्रेजेंटेशन
प्रधान सचिव सूचना प्रौद्योगिकी जेसी शर्मा ने इस अवसर पर इन्वेस्टमेंट ऑपरच्यूनिटीज इन आईटी एंड आईटीईएस एंड इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर पर एक प्रस्तुति दी। प्रधान सचिव शिक्षा केके पंत ने इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
सिटी हॉस्पिटल कांगड़ा ने साइन किया 50 करोड़ रुपए का एमओयू
कांगड़ा – राजधानी शिमला में मंगलवार को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित इंडस्ट्रियल मिनी कॉन्क्लेव में कांगड़ा के प्रसिद्ध सिटी हॉस्पिटल की ओर से 50 करोड़ का एमओयू साइन किया गया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और वरिष्ठ मंत्रियों व प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में सिटी हॉस्पिटल की ओर से डा. प्रदीप मक्कड़, डा. आशीष गर्ग, डा. राजीव डोगरा और मनीष शर्मा ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में निवेश के लिए जारी मुहिम के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में यह पहला एमओयू है। इसके अंतर्गत कांगड़ा में 50 करोड़ की लागत से सिटी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण किया जाएगा। इसके उपरांत हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी और न्यूरो सर्जरी व ऑर्थो ट्रामा सेंटर के अतिरिक्त कैंसर ब्रांच, एमआरआई व पैट स्कैन आदि उच्च स्तरीय सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी। डा. प्रदीप मक्कड़ ने बताया कि सिटी हॉस्पिटल कांगड़ा की ओर से यह निवेश समूचे हिमाचल को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से किया गया है, जिसका फायदा लोगों को जल्द मिलने लगेगा।
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