कश्मीर: अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल

जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाने की घोषणा को चुनौती देने वाली एक और याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है. यह याचिका जम्मू कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस की ओर से उसके प्रवक्ता अदनान अशरफ ने दायर की है. याचिका में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को बेअसर करने और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून 2019 पास करने के आदेश को चुनौती दी गई है.इससे पहले, 17 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के फैसले के खिलाफ कुछ पूर्व सैन्य अफसर और नौकरशाहों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका में याचिकाकर्ताओं ने राष्ट्रपति के आर्टिकल 370 को निरस्त करने के फैसले को चुनौती दी थी.सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल करने वालों में साल 2010-11 में जम्मू-कश्मीर की समस्या पर वार्ताकार रहीं राधा कुमार,  पूर्व आईएएस अधिकारी हैदर तैयब, पूर्व एयर वाइस मार्शल कपिल काक, पूर्व मेजर जनरल अशोक कुमार मेहता, पंजाब कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अमिताभ पांडे, केरल कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी गोपाल पिल्लई प्रमुख हैं. इन याचिकाकर्ताओं के वकील अर्जुन कृष्णन और कौस्तुभ सिंह है.सुप्रीम कोर्ट 16 सितंबर को जम्मू-कश्मीर में आवाजाही की छूट सहित अलग अलग याचिकाओं पर सुनवाई करेगा. शीर्ष अदालत ने याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह फैसला लिया. एक याचिकाकर्ता अनुराधा भसीन के वकील ने पीठ से कहा कि मीडिया को बीते एक महीने से काम करने की अनुमति नहीं दी जा रही है. इस पीठ की अध्यक्षता चीफ जस्टिस रंजन गोगोई कर रहे थे.सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि श्रीनगर से अखबार प्रकाशित किए जा रहे हैं. कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला के वकील ने कहा कि लोग स्वतंत्र रूप से यात्रा करने में असमर्थ है, उन्हें उनके मूल अधिकार से वंचित किया जा रहा है और उनकी पहुंच अस्पताल तक नहीं है.