कृषि सहकारी सभा घोटाले में केस

गगरेट – कृषि सहकारी सभा दियोली में हुए ग्यारह करोड़ सत्तर लाख रुपए के महाघोटाले में सहकारिता विभाग की शिकायत पर गगरेट पुलिस ने सभा सचिव के विरुद्ध धोखाधड़ी व अमानत में खयानत का मामला दर्ज कर लिया है। जिस अवधि में यह घोटाला हुआ है, उस समय की प्रबंधन समिति पर भी कानूनी कार्रवाई अमल में लाने की मांग सहकारिता विभाग ने पुलिस से की है। इसके साथ ही इस मामले में विभाग द्वारा नियुक्त किए गए जांच अधिकारी रवि जसवाल को साथ लेकर सहायक पंजीयक सभा कार्यालय पहुंचे और इस घोटाले की जांच भी आरंभ कर दी गई है। सहायक पंजीयक सुरेंद्र वर्मा ने सभा का ऋण नहीं लौटा रहे ऋणदाताओं के साथ भारी भरकम ऋण लेने वालों की भी लिस्ट तैयार कर उनके कार्यालय भेजने के निर्देश जारी किए हैं, ताकि मध्यस्थ तैनात कर इन ऋणों की उगाही का काम भी शुरू किया जा सके। कृषि सहकारी सभा दियोली में सामने आए इस महाघोटाले के कई दिन बाद भी पुलिस में प्राथमिकी दर्ज न होने और कोई कार्रवाई शुरू न होने से सभा सदस्य भी भड़क उठे थे और सभा सदस्यों ने चक्का जाम करने की धमकी तक दे डाली थी। इसके बाद हरकत में आए सहायक पंजीयक सुरेंद्र वर्मा प्राथमिकी दर्ज करवाने खुद पुलिस थाना गगरेट पहुंचे और उन्होंने सारी औपचारिकताएं पूरी करवाकर प्राथमिकी दर्ज करवा दी। प्राथमिकी में सभा सचिव जितेंद्र कुमार का नाम गबन करने वालों में शुमार है, जबकि उस समय की प्रबंधन समिति के विरुद्ध भी कार्रवाई करने को कहा गया है, जिस अवधि में यह घोटाला हुआ है। हालांकि इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। सूत्रों की मानें तो पहले पुलिस अपने स्तर पर इस मामले की जांच करेगी और उसके बाद ही अगली कार्रवाई शुरू होगी।

किसी सूरत बख्शे नहीं जाएंगे आरोपी

सहायक पंजीयक सुरेंद्र वर्मा मंगलवार को दियोली सहकारी सभा में हुए घोटाले की जांच के लिए तैनात किए गए जांच अधिकारी रवि जसवाल को साथ लेकर सभा कार्यालय पहुंचे। उन्होंने प्रबंधन समिति से भी इस मामले में विभाग का सहयोग करने की अपील की है, ताकि सभा की पाई-पाई वसूल हो सके। जांच अधिकारी इस बात का पता लगाएंगे कि घोटाला कैसे हुआ और इसमें प्रबंधन समिति की कितनी लापरवाही रही है। सहायक पंजीयक ने उन ऋणदाताओं की लिस्ट भी तैयार करने को कहा है, जिन्होंने लंबे अरसे से सभा से लिया ऋण लौटाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। इसके साथ बड़े ऋणदाताओं की भी सूची तैयार की जाएगी। इसके बाद मध्यस्थ तैनात कर इस ऋण की वसूली की जाएगी। जनता के पैसे को खुर्द-बुर्द करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।