गाय पर गरमाई सियासत

By: Sep 12th, 2019 12:12 am

प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर लेफ्ट, कांग्रेस और ओवैसी का पलटवार

नई दिल्ली -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मथुरा में गाय को लेकर विपक्ष के रवैये पर निशाना साधा, तो कुछ घंटे के भीतर ही विपक्षी नेताओं के कान खड़े हो गए। हाल के समय में गाय को केंद्र में रखकर हुए विवादों और बहस पर मोदी ने कहा था कि ‘ऊँ’ शब्द सुनते ही कुछ लोगों के कान खड़े हो जाते हैं, जबकि कुछ लोगों के कान में ‘गाय’ शब्द सुनाई देता है तो उनके बाल खड़े हो जाते हैं। इस पर विपक्षी दलों ने पलटवार किया है। सबसे पहले एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम को जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कान तब खड़े हो जाने चाहिए, जब गाय के नाम पर इनसानों को मारा जा रहा है और संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उधर, कांग्रेस ने आर्थिक संकट को आगे रखते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा है। पार्टी ने कहा कि पीएम मोदी आर्थिक मुद्दों को छोड़कर गाय और ओम् की बात करते हैं, लेकिन अर्थ जगत के गंभीर मुद्दों पर उनका बयान नहीं जाता। कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि लगता है उन्होंने वित्त मंत्री को इससे निपटने के लिए छोड़ दिया है। दरअसल, मथुरा में दुधारू पशुओं को रोगमुक्त करने के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत करने के बाद बुधवार को पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों के कान में गाय शब्द पड़ता है तो उनके बाल खड़े हो जाते हैं, उनको करंट लग जाता है। उनको लगता है कि देश 16वीं-17 वीं सदी में चला गया है। ऐसे लोगों ने ही देश को बर्बाद कर रखा है। पीएम मोदी का यह बयान आते ही विपक्षी नेताओं ने उन पर हमले शुरू कर दिए।

गाय हिंदुओं के लिए पवित्र

ओवैसी ने कहा कि गाय हिंदू भाइयों के लिए पवित्र है, लेकिन संविधान में जीवन और समानता का अधिकार इनसानों को दिया गया है, मुझे उम्मीद है कि पीएम इसे समझेंगे। ओवैसी ने कहा कि पीएम के कान उस वक्त खड़े होने चाहिए, जब गाय के नाम पर इनसानों को मारा जा रहा है, पीएम के कान उस वक्त खड़े होने चाहिए, जब हमारे संविधान की धज्जियां उड़ाईं जा रही हैं और हम हमारे पीएम से उम्मीद करते हैं कि चाहे तबरेज, पहलू हो या अखलाक का केस तब पीएम का एंटेना खड़ा होना चाहिए कि मेरे देश में क्या हो रहा है।

 यह सब कहने का क्या मतलब

लेफ्ट पार्टियों और कांग्रेस ने भी मोदी पर निशाना साधा। सीपीआई नेता डी राजा ने कहा कि मैं नहीं जानता कि प्रधानमंत्री के यह सब कहने का क्या मतलब है। वह और गाय के नाम पर क्या संदेश देना चाहते हैं? दरअसल,  और गाय के नाम पर बीजेपी लोकतंत्र को बर्बाद कर रही है। देश की एकता, अखंडता और सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ा जा रहा है। डी राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री को इनसानों की बात करनी चाहिए। आर्थिक मंदी के कारण लोगों को हो रही समस्याओं की बात करनी चाहिए। इसकी बजाय वह ऊँ और गाय के नाम पर सरकार की आलोचना करने वालों पर निशाना साध रहे हैं।

एजेंडे के लिए कर रहे गाय का भगवाकरण

कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी के अस्तित्व से पहले भी था। राजनीतिक एजेंडे के लिए का भगवाकरण कर रहे हैं मोदी। मोदी को बताना चाहिए कि पशुओं की भलाई के लिए उनकी सरकार ने क्या किया? सड़कों पर गउओं की मौत हो रही है।


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