चालान के वक्त बहस करने पर भी जुर्माना

केंद्र सरकार के संशोधित मोटर व्हीकल अधिनियम से डरे हिमाचल के लोग

धर्मशाला     – प्रदेश सरकार ने हिमाचल में भले ही अभी तक नए ट्रैफिक नियमों को लागू नहीं किया है, लेकिन बहुत सारे नियम ऐसे हैं, जो पूर्व से लागू हैं, लेकिन यहां उनका पालन ही नहीं किया जाता है। कई बाद देखा जाता है कि चालान होने पर लोग पुलिस से बहस करते हैं, जो सरासर गलत है। ऐसा करने पर जुर्माने का भी प्रावधान है। वहीं केंद्र सरकार द्वारा जारी संशोधित मोटर व्हीकल अधिनियम को मुख्यमंत्री पहाड़ी राज्य के हिसाब से अध्ययन कर लागू करने की बात कर रहे हैं। जनता में भी नए नियमों व भारी भरकम चालान के बाद डर सताने लगा है। इस ज्वलंत मुद्दे पर ‘दिव्य हिमाचल’ ने ट्रैफिक मजिस्ट्रेट विशाल तिवारी से विशेष बातचीत की। ट्रैफिक मजिस्ट्रेट विशाल तिवारी ने बताया कि ट्रैफिक नियमों का अध्ययन करना वाहन चलाने वालों के लिए तो आवश्यक है ही, इसके अलावा अन्य लोगों यानी सफर करने वाले यात्रियों के लिए भी आवश्यक है। अकसर लोग नियमों की जानकारी न होने का हवाला देकर चालान करने वाले ड्यूटी पर तैनात कर्मियों से भी बहस करते हैं। ऐसा करना भी गलत है, यदि किसी को लगता है कि उनका चालान गलत हुआ है तो वह न्यायालय में अपना पक्ष रख सकते हैं। ट्रैफिक मैजिस्टे्रट ने बताया कि भले ही अभी तक नए नियम राज्य में लागू नहीं हुए हैं, लेकिन हर व्यक्ति को नियमों का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि दोपहिया वाहनों पर हेलमेट पहनना मात्र चलाने वाले को आवश्यक नहीं है, बल्कि पीछे बैठे व्यक्ति को भी उतना ही आवश्यक है, जितना आगे वाले के लिए है और यह नया नहीं पुराना नियम हैं, लेकिन चालान होने पर लोग पुलिस से बहस करते हैं, जो सरासर गलत है।  ऐसा करने वालों

को जुर्माना भी हो सकता है। सीट बेल्ट पहनना भी उतना ही आवश्यक है। विशाल तिवारी ने कहा कि आवश्यकता से अधिक स्पीड में वाहन दौड़ाने वालों को भी इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि सड़क के आसपास पैदल चलने वालों की संख्या भी मौजूदा समय में कम नहीं है। ऐसे में स्पीड निर्धारित नियमों के अनुसार हो तो अपने साथ अन्य लोगों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जा सकता  है।