टीएमसी में हेपेटाइटिस बी-सी का फ्री इलाज

कांगड़ा -डा. राजंेद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल टांडा में हेपेटाइटिस बी और सी के रोग से ग्रस्त मरीजांे को निःशुल्क उपचार की सुविधा  आरंभ कर दी गई है। कंेद्र सरकार की नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के तहत इस रोग का निःशुल्क उपचार आरंभ किया गया है। योजना के तहत टीएमसी में इस रोग के मरीजांे के निःशुल्क टेस्ट (पीसीआर) एसआरएल लैब में करवाए जा रहे हैं। वहीं, अस्पताल प्रशासन ने भी दवाइयांे की उपलब्धता करवाने के साथ-साथ टेस्ट के लिए किटंे खरीदने की भी प्रक्रिया आरंभ कर दी है।  इसके चलते आगामी दिनांे में टांडा अस्पताल की सरकारी लैब में भी इस रोग के टेस्ट आरंभ कर दिए जाएंगे। पल्स पोलियो व क्षयरोग की तरह सरकार ने हेपेटाइटिस बी और सी के रोग को वर्ष 2030 तक खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। हेपेटाइटिस पांच प्रकार ए, बी, सी, डी और ई होते हैं, लेकिन इसमें बी और सी सबसे ज्यादा खतरनाक होते हैं। अभी तक इसका इलाज पूरी तरह फ्री नहीं था। कंेद्र सरकार की इस योजना के तहत अब हिमाचल प्रदेश में हेपेटाइटिस बी और सी का इलाज मरीजांे को निशुल्क प्रदान किया जाएगा। सरकार के निर्देशांे के चलते डा. राजंेद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल टांडा में उक्त रोग के निःशुल्क टेस्ट की सुविधा भी अस्पताल में संचालित की जा रही निजी लैब के माध्यम से आरंभ कर दी गई है। वहीं अस्पताल प्रशासन ने मरीजांे के लिए दवाइयांे का स्टाक उपलब्ध करवा दिया है। टांडा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. सुरिंद्र सिंह भारद्वाज ने बताया कि कंेद्र की योजना के तहत हेपेटाइटिस बी और सी रोग के टेस्ट एसआरएल लैब में करवाए जा रहे हैं। जल्द ही किटंे खरीद कर अस्पताल की सरकारी लैब में भी यह टेस्ट आरंभ कर दिया जाएगा।

रोग के लक्षण

हेपेटाइटिस बी और सी का प्राथमिक लक्षण शरीर में दर्द होना है। पीलिया होना भी इसका लक्षण है। पेट में पानी भर जाना, लीवर में दर्द होना, खून की उल्टियां होना, भूख न लगना, पेट में सूजन आ जाना इस रोग के लक्षण होते हैं। हेपेटाइटिस बी वायरस के कारण होने वाला लिवर का एक गंभीर संक्रमण है। हेपेटाइटिस सी लिवर की बीमारियों का प्रमुख कारण है। यदि समय से इसका इलाज नहीं करवाया जाता है, तो यह लिवर कैंसर का रूप ले लेता है।