दो हजार करोड़ के निवेश का टारगेट

By: Sep 15th, 2019 12:30 am

शिमला में मिनी कान्क्लेव के लिए अवकाश के दिन भी मेहनत कर रही अफसरशाही

शिमला – मनाली की तरह ही सरकार ने शिमला में होने वाली इन्वेस्टर मिनी कान्क्लेव के लिए अपना टारगेट दो हजार करोड़ रुपए से ऊपर के निवेश का रखा है। यहां पर चार सेक्टर के निवेशक पहुंचेंगे और इनमें कई नामी कंपनियों के आने की उम्मीद है। धर्मशाला की इन्वेस्टर मीट से पहले शिमला में यह अहम आयोजन किया जा रहा है। इससे पहले मनाली में कई बड़ी कंपनियों ने निवेश की इच्छा जताई है, जिसमें लघु उद्यम से जुड़े अधिकांश निवेशक हैं। मनाली में करीब 2200 करोड़ रुपए के एमओयू हुए हैं और शिमला में भी इतने ही निवेश का लक्ष्य लेकर सरकार चल रही है। यही वजह है कि सरकार की अफसरशाही अवकाश के दिन भी अपने काम में जुटी है और पूरी मेहनत के साथ इन्वेस्टर मीट व इससे पहले मिनी कान्क्लेव की तैयारियां यहां पर चल रही हैं। शिमला में दो हजार करोड़ के निवेश के लिए एमओयू होते हैं तो कुल आंकड़ा पांच हजार करोड़ से ऊपर का पहुंचेगा, जिससे सरकार के निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति में ज्यादा दूरी नहीं रहेगी। क्योंकि सरकार का मुख्य लक्ष्य इन्वेस्टर मीट का है, जो कि धर्मशाला में सात व आठ नवंबर को होनी है।

आयोजन पर खर्च होंगे 35 करोड़

इन्वेस्टर मीट के आयोजन के लिए सरकार ने 35 करोड़ रुपए के खर्च का टारगेट रखा है। इसमें 15 करोड़ रुपए पहले ही वित्त विभाग से उद्योग विभाग को मिल गए हैं, जबकि पांच करोड़ रुपए केंद्र सरकार भी प्रदेश को देने जा रही है।

सज रहा पीटरहॉफ

मिनी कान्क्लेव के लिए तैयारियां हो चुकी हैं। उद्योग विभाग ने पबलिसिटी मैटीरियल भेजना शुरू कर दिया है। यहां 16 सितंबर को पीटरहाफ को सजाया जाएगा, जहां 17 को यह मिनी कान्क्लेव होना है।

धर्मशाला बेहतरीन जगह

इन्वेस्टर मीट जैसे बड़े आयोजन के लिए धर्मशाला का चयन करना भी सरकार की बेहतर रणनीति का परिचायक है। वहां पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच तक के आयोजन होते हैं, लिहाजा उस दृष्टि से धर्मशाला बेहतरीन है। ऐसे आयोजन के लिए राजधानी शिमला भी छोटी पड़ जाती। उम्मीद है कि सरकार के इस महा आयोजन को बड़ी सफलता मिलेगी।


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