नाहन में खुद ही हटाए अवैध कब्जे

शहर में अवैध निर्माण पर मालिक स्वयं चला रहे हथौड़ा, छठे दिन भी जारी रही प्रक्रिया

नाहन –प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जिला सिरमौर प्रशासन व नगरपालिका परिषद नाहन का अवैध निर्माण व अतिक्रमण पर डंडा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को छठे दिन नगर परिषद की टीम जिला प्रशासन की अगवाई में भारी पुलिस बल के बीच चिन्हित किए गए छह अतिक्रमणकारियों के अवैध निर्माण को हटाने के लिए मौके पर गई। क्योंकि शहर में बीते छह दिनों से अवैध निर्माण को तोड़ने की प्रक्रिया चली हुई है ऐसे में लोग नगर परिषद के जेसीबी व मजदूरों के हथौड़ों से बचने के लिए अब स्वयं अपने अतिक्रमण को हटाने में जुट गए हैं। शनिवार को तहसीलदार नाहन नारायण सिंह चौहान के अलावा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिरमौर वीरेंद्र ठाकुर ने भी संबंधित अतिक्रमण वाले मकानों का दौरा किया तथा अतिक्रमण व अवैध निर्माण करने वाले लोगों द्वारा तोड़े जा रहे अवैध निर्माण का निरीक्षण किया। शनिवार को हरिपुर मोहल्ला स्थित नगरपालिका परिषद की विश्राम गृह के समीप नगर परिषद की करीब 47 वर्ग मीटर भूमि पर बनाए गए टीन के शैड् को हटाया गया। इसके अलावा नगर परिषद कार्यालय के साथ लगते हशमत अली, जफर अली व मोहम्मद अली के करीब 240 वर्ग मीटर क्षेत्र में अवैध रूप से निर्मित की गई चौथी व पांचवीं मंजिल को तोड़ने के आदेश जारी किए गए थे, परंतु संबंधित भवन मालिक ने स्वयं ही अपने मकान को मजदूरों के माध्यम से तोड़ने का अभियान शुरू कर दिया था। इसके अलावा नया बाजार स्थित मोहम्मद अली के 12.25 वर्ग मीटर की दूसरी मंजिल, रानी का बाग निवासी राजेंद्र सिंह पुत्र अमर सिंह के दूसरी व तीसरी मंजिल के करीब 260 वर्ग मीटर में अवैध रूप से निर्मित किए गए भवन को तोड़ने के आदेश जारी किए, जिसे स्वयं तुड़वाया जा रहा है। इसके अलावा बड़ाचौक राजेंद्रनगर निवासी प्रवीन अग्रवाल पुत्र प्रमोद कुमार की चौथी मंजिल पर 85 वर्ग मीटर में बनाए गए अवैध निर्माण व पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह के समीप अनुराधा कौशिक के 42.705 वर्ग मीटर में बने अवैध निर्माण को तोड़ने के आदेश जारी किए गए। नायब तहसीलदार नाहन नारायण चौहान ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि अब शहर में अवैध निर्माण व अतिक्रमण करने वाले अधिकांश लोग अपने अवैध निर्माण को स्वयं तोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया अभी जारी रहेगी। तहसीलदार ने लोगों का आह्वान किया कि इस मामले में न्यायालय के आदेश के मुताबिक जिला प्रशासन व नगर परिषद को सहयोग करें।