निजी वाहनों की पार्किंग बना नेरवा बस अड्डा

नेरवा –18 अगस्त को दयांडली नाला में आई बाढ़ की चपेट में आकर नष्ट हुए नेरवा के पुराने बस अड्डे को स्थानीय लोगों ने अपना हजारों रुपया खर्च कर सीधा करवा कर आधा दर्जन बसें करने योग्य तो बना दिया है परन्तु कुछ वाहन मालिकों की मनमानी के चलते यहां बसें खड़ी करने में दिक्कत आ रही है। बसों के लिए सीधी की गई जमीन में लोग पूरा पूरा दिन अपने वाहनों को खड़ा कर रहे हैं जिस वजह से बस चालकों और सवारियों को दिक्कतें पेश आ रही हैं। हालांकि इन लोगों ने निजी वाहन पार्क करने के लिए बस स्टैंड से ऊपर की तरफ भी जगह बनवाई है, परंतु कुछ बेलगाम वाहन चालक दादागिरी दिखाते हुए अपने वाहन बसें खड़ी करने के लिए बनाई गई जगह पर खड़े कर रहे हैं। बस स्टैंड के अंदर बसें खड़ी ना हो पाने की वजह से जहां सवारियों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही है वहीं परिवहन निगम को भी प्रतिदिन हजारों रुपये का नुक्सान हो रहा है। हरिद्वार, नाहन, पांवटा, थरोच, टिकरी-पेदाग़, जुब्बल, रोहड़ू, जनोग, सिलौड़ी, बिजमल, पबान, धार चांदना, कुपवी, रास्त, शलन, मशोत, बाग़, नावी भूट एवं पौडि़या भारण की तरफ जाने वाली बसों में जाने के लिए पुराने बस स्टैंड पर अधिकांश सवारियां इन्तजार करती हैं। पुराने बस स्टैंड पर इन बसों के नहीं लगने से अधिकांश सवारियां निजी वाहनों अथवा टैक्सियों में अपने गंतव्य को जा रही है जिससे निगम को प्रतिदिन हजारों रुपये का नुक्सान उठाना पड़ रहा है। निगम के सूत्र बताते हैं कि बस स्टैंड में बसें नहीं लग पाने से निगम का प्रति दिन सात से दस हजार रुपए का राजस्व कम हुआ है। उपरोक्त रूटों की बसों में से अधिकतर बसें सड़क पर खड़ी हो कर सवारियां उतारती चढ़ाती है जिस वजह से यहां पर हर समय किसी हादसे का ख़तरा बना रहता है क्योंकि यह बसें मात्र सवारियां चढ़ाने उतारने के लिए ही रुकती हैं एवं लोगों में बसों में चढ़ने उतरने को लेकर अफरा तफरी बनी रहती है। यही नहीं जिन लोगों ने अपना घरों का रोजमर्रा का सामान बसों में रखना होता है वह इस अफरा तफरी की वजह से सामान को बसों में नहीं रख पाते। इन दिक्कतों की वजह से लोग मजबूरन टैक्सियों और माल वाहक वाहनों में सामान रख कर सफर करते हैं। बसों के सड़क पर खड़ा होने से कई बार जाम की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि बस स्टैंड के अंदर निजी गाडि़यां खड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए तथा नेरवा से पांवटा मार्ग पर आगे की तरफ जाने वाले सभी रूटों की बसों को पुराना बस अड्डा से भेजा जाए ताकि लोगों को कठिनाई न झेलनी पड़े।