पच्छाद की भाग्य रेखाएं जख्मों पर आंसू बहाएं

हिमाचल निर्माता डा. परमार के क्षेत्र की 80 फीसदी सड़कें खराब, कई कच्ची, तो कइयों पर गड्ढे

नाहन -हिमाचल निर्माता डा. यशवंत सिंह परमार के जिला सिरमौर के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के जख्म कब भरेंगे, कोई नहीं जानता। यहां कि अस्सी फीसदी सड़कें अपनी हालत पर आंसू बहा रही हैं। पच्छाद सिरमौर का ऐसा क्षेत्र है, जो पांचों विधानसभा क्षेत्रों में सबसे पीछे माना जाता है। भले ही इस बार सुरेश कश्यप पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से शिमला लोकसभा क्षेत्र का नेतृत्व कर रहे हैं और 30 वर्ष तक कांग्रेस के गंगूराम मुसाफिर लंबे समय तक पच्छाद का नेतृत्व कर चुके हैं, लेकिन सड़कें अभी भी जख्मों से भरी हैं। ऐसा नहीं है कि पच्छाद की सड़कें केवल बरसात में ही खराब रहती हैं। यहां तो वर्ष भर लोगों को मुख्य व संपर्क मार्गों पर हिचकोले खाने पड़ते हैं। हिमाचल निर्माता डा. परमार को प्रदेश का भाग्य विधाता माना जाता था, परंतु उनके बाद राजनीति की डोर पकड़ने वाले नेताओं ने न केवल डा. परमार के पैतृक स्थल बागथन व जन्मस्थली चन्हालग की अनदेखी की, अपितु पच्छाद की सड़कों पर भी नजर नहीं फेरी। लाहुल-स्पीति के बाद क्षेत्रफल के लिहाज से पच्छाद दूसरा सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र है। ऐसे में यहां के छोटे-छोटे गांवों को जोड़ने के लिए, जो सड़कें बनाई गई हैं, वह अभी भी बदहाल हैं। डा. परमार के बागथन क्षेत्र को बनेठी, राजगढ़, डूंगाघाट तीन मार्गों से जोड़ा जाता है। इन मार्गों की हालत यह है कि न तो कांगे्रस कार्यकाल के दौरान इनकी हालत सुधारी गई, न ही भाजपा के कार्यकाल में। डा. परमार के पैतृक क्षेत्र को बागबानी, दुग्ध उत्पादन व टमाटर के उत्पादन में अग्रणी माना जाता है। इन मार्गों की हालत बेहद दयनीय होने के कारण किसान व बागबान अपने उत्पाद को समय पर मार्केट नहीं पहुंचा पाते हैं।

इन मार्गों का तो बुरा हाल

पच्छाद की अन्य बदहाल सड़कों में सराहां-जयहर, फागला-वासनी, बड़ू साहिब को जोड़ने वाले मार्ग की हालत भी दयनीय है। इसके अलावा नारग से राजगढ़ को जोड़ने वाले मार्ग को दशकों से चौड़ा नहीं किया गया है तथा टायरिंग भी अधिकांश सड़क की उखड़ चुकी है। इसके अलावा डुंगाघाट-किला कलांच, बनाह की सैर से चंडीगढ़ को जोड़ने वाला मार्ग भी बदहाल हालत में है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गंगूराम मुसाफिर के पैतृक क्षेत्र डिलमन-नैनाटिक्कर-औच्छघाट मार्ग की हालत तो यहां चलने वाले राहगीरों के लिए खतरे से खाली नहीं है।